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लालच बुरी बला है: सुविचार

by Ajay Sheokand
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आप सभी ने बहुत सी कहावतें सुनी और पढ़ी होगी। बहुत सी कहावतें ऐसी होती हैं जो हमें जीवन की सीख दे जाती है। यदि इन कहावतें पर गौर किया जाए और इनकी अर्थ को समझकर उसे अर्थ पर अमल किया जाए तो मनुष्य जीवन में कभी दुखी नहीं होगा।

ऐसे ही एक कहावत आपने सुनी होगी की लालच बुरी बला है। इस कहानी का अर्थ यह होता है कि मनुष्य को कभी भी जीवन में लालच नहीं करना चाहिए क्योंकि लालची व्यक्ति हमेशा बाद में पछताता ही है

यह एक ऐसी कहावत है जो यदि व्यक्ति के द्वारा समझ ली जाए तो उसे जीवन में कभी किसी कष्ट का सामना नहीं करना पड़ेगा। आइए हम इस कहावत का अर्थ आपको एक कहानी के माध्यम से समझाने का प्रयास करते हैं।

लालच पर छोटी कहानी – (Short Story on Greed In Hindi)

एक बार की बात है एक गांव में एक गरीब किसान रहा करता था। वह किसान बहुत ही गरीब था वह खेती करने के साथ ही कुछ पशुओं को पालने का शौक भी रखता है। उसने कुछ गाय भैंस के साथ मुर्गियां भी पाल रखी थी। वह गाय और भैंस का दूध बेचकर अपने परिवार का पालन पोषण करता था।

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साथ ही वह मुर्गियों के अंडे भी बेच दिया करता था जिससे कि उसके अन्य खर्च निकल जाते थे। किसी वर्ष फसल अच्छी नहीं होती थी तो उसे बहुत ही ज्यादा आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था। 

एक बार वह किसान मेले में अंडे बेचने के लिए गया। वहां पर जाकर उसने देखा कि एक व्यक्ति जोर-जोर से आवाज लगाकर मुर्गी बेच रहा है। वह उन मुर्गियों की बहुत सी खासियत बता रहा था। इससे प्रभावित होकर किसान ने सोचा कि क्यों ना वह भी एक ज्यादा अंडे देने वाली मुर्गी खरीद ले जिससे कि वह ज्यादा अंडे प्राप्त कर उन्हें बाजार में बेचकर अमीर बन सकता है।

यही सब सोचते हुए उस किसान ने अपनी सारी रकम देकर एक और मुर्गी खरीद ली। वह उसे मुर्गी को घर ले आया और अपनी पत्नी को उसके बारे में बताते हुआ बोला कि अब हम भी बहुत जल्दी अमीर हो जाएंगे क्योंकि यह मुर्गी ज्यादा अंडे देगी जिसे मैं बाजार में बेच आया करूंगा।

किसान खुशी-खुशी अमीर बनने के सपने देखते हुए सो गया। जब वह सुबह उठा तो उसने देखा कि उस मुर्गी ने एक सोने का अंडा दिया हुआ है। यह देखकर वह फूला न समाया और उस अंडे को बाजार में जाकर बेच आया। इसी प्रकार वह रोज सुबह उठता और देखता कि मुर्गी ने सोने का अंडा दिया हुआ है वह उसे अंडे को जाकर बाजार में बेच आया करता था।

अब उसकी जिंदगी पहले से कुछ बेहतर हो चुकी थी। एक दिन वह किसान सुबह सोकर उठा तो उसके मन में यह आया कि इस प्रकार से मुर्गी यदि रोज एक-एक अंडा देती रहेगी तो उसे अमीर बनने में काफी वक्त लग जाएगा

इससे अच्छा है कि वह एक बार मुर्गी का पेट काटकर सारे सोने के अंडे निकाल ले और उन्हें एक साथ ही बाजार में बेचकर अमीर बन जाए। उसने ठीक ऐसा ही किया उसने उसे मुर्गी का पेट काट दिया। लेकिन पेट काटने पर उसे कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ। यह सब देखकर उसे अपने किए हुए पर बहुत पछतावा हुआ।

क्योंकि उस किसान के लालच की वजह से अब उसे रोज एक सोने का अंडा भी नहीं मिल पा रहा था। अब वह किसान अपने लालच पर पछता रहा था लेकिन अब वह चाह कर भी सब कुछ पहले जैसा नहीं कर सकता था। अंत में किसान की हालत फिर से पहले जैसी हो गई क्योंकि जो पैसे उसने सोने के अंडे बेचकर जोड़ने शुरू किए थे। वह भी खर्च होते जा रहे थे। 

यहां पर हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि वह किसान लालच नहीं करता तो उसे रोज एक सोने का अंडा प्राप्त होता रहता जिससे कि वह एक न एक दिन काफी अमीर बन सकता था। इसीलिए कहा जाता है कि लालच बुरी बला है मनुष्य को कभी भी लालच नहीं करना चाहिए।

इसके अलावा आप यहां पर अकबर बीरबल के सवाल जवाब के बारे में मजेदार जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष – (Conclusion)

इस कहानी से हमें यह भी सीखने को मिला कि मनुष्य को जितना मिले उसे उसी में संतुष्ट रहना चाहिए। ज्यादा पाने की चाह में मनुष्य हमेशा लालच का शिकार हो जाता है और उसके पास जो होता है वह उससे भी हाथ धो बैठता है। 

हम आशा करते हैं कि हमारे पाठकों को हमारे लालच पर लिखा गया यह लेख अवश्य पसंद आया होगा। हमने आशा करते हैं कि हमारे पाठक इस कहानी से सीख अवश्य लेंगे और अपने जीवन में कभी भी लालच नहीं करेंगे। यदि हमारे पाठक हमारे साथ कुछ भी साझा करना चाहते हैं तो वह कमेंट सेक्शन में कर सकते हैं।

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