आपने देखा होगा कि आजकल अधिकतर महिलाएं अपना प्रसव ऑपरेशन के माध्यम से करवाना पसंद करती हैं। इसी बात से हम अंदाजा लगा सकते हैं की डिलीवरी के समय महिला को कितना दर्द होता है। दरअसल इस बात का अंदाजा लगाना भी बहुत ज्यादा मुश्किल है कि डिलीवरी के समय महिला को कितना दर्द होता है। लेकिन आज के इस लेख में हम आपको महिला को डिलीवरी के समय होने वाले दर्द से संबंधित विभिन्न बातें बताएंगे।
डिलीवरी के समय महिला को कितना दर्द होता है?
आइए कुछ उदाहरण उनके माध्यम से यह जानने का प्रयास करते हैं कि डिलीवरी के समय महिला को कितना दर्द होता है।
* बहुत सारी जगह पर यह लिखा हुआ पाया गया है कि डिलीवरी के समय महिलाओं को इतना दर्द होता है जैसे कि उसके शरीर की 20 हड्डियां एक साथ टूट गई हो। डिलीवरी के समय महिला को असहनीय पीड़ा होती है। 20 हड्डियों का एक साथ टूटना कोई छोटी बात नहीं होती है।
* जब एक महिला सामान्य प्रसव चुनती है तो उसे 57 डेल जितना दर्द होता है जो कि पुरुषों की तुलना में बहुत ज्यादा है। ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं को एक सामान्य प्रसव में जितना दर्द होता है। उतना एक व्यक्ति को कभी नहीं होता और किसी व्यक्ति के लिए किसी झेल पाना बहुत ज्यादा मुश्किल भी होता है।
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यहां पर आपके लिए यह जानना भी बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है कि सामान्य प्रसव के दौरान आपको सिर्फ पेट में ही दर्द नहीं होता बल्कि आपके पेट के निचले हिस्से और कुछ महिलाओं को तो जांघों हाथ पैरों के साथ ही बॉडी पेन का सामना भी करना पड़ता है और यह दर्द बहुत से मामलों में असहनीय होता है।
लेकिन यह दर्द से तब तक होता है जब तक महिला का प्रसव नहीं हो जाता है जब भी जैसे ही वह बच्चे को जन्म दे देती है यह दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है।
डिलीवरी के दर्द को कैसे कम करें?
अब जब हमें यह पता चल गया है कि डिलीवरी के समय महिला को कितना दर्द होता है तो हमारे लिए यह जानना भी बहुत जरूरी है कि आखिर कैसे एक महिला अपने डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द को कम कर सकती है या फिर कैसे इसे बर्दाश्त कर सकती है।
* अधिकतर महिलाएं तो डिलीवरी के दर्द से बचने के लिए ऑपरेशन के माध्यम से प्रसव करवाने लगी है। लेकिन इसके अलावा भी ऐसी बहुत से तरीके हैं जिनके माध्यम से सामान्य प्रसव में भी डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द को काम किया जा सकता है।
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* लेबर पेन शुरू होने से पहले गर्भावस्था के दौरान महिला को कुछ ऐसी एक्सरसाइज बताई जाती है जो की सामान्य प्रसव के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होती है और यदि महिलाएं पहले से इन एक्सरसाइज को कर रही होती है तो निश्चित रूप से उसे डिलीवरी के दौरान कम दर्द होता है।
* ऐसा कहा जाता है कि प्रत्येक महिला प्रसव पीड़ा का असहनीय दर्द नहीं झेल पाती है यही कारण है कि बहुत सी महिलाओं की मृत्यु तो बच्चे को जन्म देते वक्त ही हो जाती है क्योंकि महिला को ऐसा एहसास होता है जैसे कि उसकी 20 हड्डियां एक साथ तोड़ दी गई हो या फिर खुद ही टूट गई हो। इसीलिए प्रसव पीड़ा के दौरान महिलाएं इसे नहीं झेल पाती और इससे महिला की मृत्यु तक हो जाती है।
किस प्रकार की डिलीवरी में महिला को सबसे ज्यादा दर्द होता है?
अब जब हम यह जानने का प्रयास कर रहे हैं की डिलीवरी के दौरान महिला को कितना दर्द होता है तो हमारे लिए यह जानना भी बहुत ज्यादा आवश्यक है कि हम यह जाने की किस प्रकार की डिलीवरी में महिला को सबसे ज्यादा दर्द होता है।
* आप में से अधिकतर लोग तो यही कहेंगे कि महिला को डिलीवरी के समय सबसे ज्यादा दर्द तब होता है जब वह सामान्य प्रसव करवाना चुनती है यदि वह ऑपरेशन से प्रसव करवाना चाहिए तो उसे किसी प्रकार का दर्द नहीं होता है।
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* यहां पर हम आपको यह स्पष्ट कर दें कि महिला को सी सेक्शन के दौरान प्रसव करवाने पर सबसे ज्यादा दर्द का एहसास होता है। वैसे जब महिला का प्रसव हो रहा होता है और वह इस माध्यम से प्रसव करवाना चुनती है तो उसे यकीनन या तो दर्द होता ही नहीं है या फिर बहुत ज्यादा कम दर्द होता है क्योंकि ऐसे में महिला को इंजेक्शन देकर पेट के उस हिस्से को सुन्न कर दिया जाता है जहां पर कट लगाया जाना है।
लेकिन महिला को इस प्रसव के बाद रिकवर होने में बहुत ज्यादा समय लगता है और रिकवर होना बहुत ज्यादा दर्दनाक भी साबित होता है।
आशा करते हैं कि आपको इस बात का थोड़ा बहुत अंदाजा तो लग गया होगा की डिलीवरी के समय महिला को कितना दर्द होता है और क्यों आजकल अधिकतर महिलाएं अपना प्रसाद ऑपरेशन के माध्यम से करवाना पसंद कर रही हैं। हालांकि कभी भी किसी भी दर्द को नापा नहीं जा सकता है और इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है।