मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करने का विशेष महत्व माना जाता है। लोग विभिन्न मंदिरों में जाकर सुंदरकांड का पाठ करते हैं या फिर घर पर रहकर सुंदरकांड का पाठ करते हैं। लेकिन सुंदरकांड का पाठ करते हुए बहुत सी बातें ध्यान में रखनी चाहिए। आज हम आपको सुंदरकांड रामायण का पाठ करने से जुड़ी सभी जरूरी बातें बताएंगे।
सुंदरकांड रामायण क्या है?
कुछ लोगों को यह लगता है कि सुंदरकांड और रामायण दो अलग-अलग हैं लेकिन हम आपको बता दे की रामायण का ही एक भाग है सुंदरकांड। सुंदरकांड में आपको हनुमान जी द्वारा किए गए सभी महान कार्य का उल्लेख मिलता है। इसमें तीन श्लोक है, साठ दोहे है और 526 चौपाइयां है।
सुंदकांड रामायण का पाठ करने के फायदे
यदि व्यक्ति सुंदरकांड रामायण का पाठ करता हैं तो उसे बहुत से फायदे देखने को मिलते हैं जिनके बारे में आपको जान लेना आवश्यक है। नीचे हम आपको सुंदरकांड रामायण का पाठ करने के फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं।
* जो व्यक्ति नियमित रूप से सुंदरगढ़ रामायण का पाठ करना शुरू कर देता है उसे अपने जीवन में बहुत से पॉजिटिव बदलाव देखने को मिलते हैं।
* सुंदरकांड रामायण का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास बढ़ जाता है और वह किसी भी कार्य को आत्मविश्वास के साथ कर पाने में सक्षम होता है।
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* यदि छात्र छात्रा सुंदरकांड रामायण का पाठ करना शुरू करते हैं तो इससे उनका दिमाग तेज होता है और वह परीक्षा में अच्छे अंक लाभ आने में सक्षम हो जाते हैं।
* जिस घर में सुंदरकांड रामायण का पाठ किया जाता है उसे घर का वातावरण हमेशा खुशहाल बना रहता है। वहां का वातावरण बहुत ज्यादा सकारात्मक भी हो जाता है उस घर में लड़ाई झडगे भी कम होने लगते हैं।
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* यदि किसी व्यक्ति के घर में गृह क्लेश बना रहता है तो इस सुंदरकांड रामायण कथा अवश्य करना चाहिए उनको सुंदरकांड रामायण का पाठ करने से ग्रह क्लेश पूर्ण रूप से समाप्त हो जाता है।
* सुंदरकांड रामायण का पाठ करने से व्यक्ति के घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
* यदि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार के दिमागी समस्या से जूझ रहा है या फिर वह किसी भी कारण से चिंता में रहता है तो उसे सुंदरकांड रामायण का पाठ करना शुरू कर देना चाहिए। इससे उसके दिमाग की समस्या दूर हो जाती है और उसके मन में शांति का एहसास होता है।
* ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति सुंदरकांड रामायण का पाठ करता है उसके मन से सभी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और उसके घर से भी नकारात्मक हो जाए दूर भाग जाती है।
सुंदरकांड रामायण का पाठ करने के नियम
हिंदू धर्म में जितना महत्व पूजा पाठ का होता है उतना ही महत्व उसे करते वक्त निभाए जाने वाले नियमों का होता है। इसी प्रकार सुंदरकांड रामायण का पाठ करने के नियम है। नीचे हम आपको सुंदरकांड रामायण का पाठ करने के नियम के बारे में बता रहे हैं।
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* यदि आप ब्रह्म मुहूर्त में सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो आपको इसके बहुत ज्यादा फायदे देखने को मिलते हैं। यानी कि सुबह 4:00 से लेकर सुबह के 6:00 तक इस कर लेना चाहिए।
* सुंदरकांड रामायण का पाठ करने पर यदि आप इसे समूह में करते हैं तो यह बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है। ऐसा कहते हैं कि 11, 21, 31 और 41 दिनों तक जो व्यक्ति सुंदरकांड रामायण का पाठ करता है उसे इसके खास लाभ देखने को मिलते हैं।
* वैसे तो सुंदरकांड रामायण का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है। आप चाहे तो इसे रोज भी कर सकते हैं लेकिन इसे करने का विशेष महत्व मंगलवार और शनिवार के दिन कहा जाता है। इसीलिए आपको इस इन दो दिनों पर अवश्य करना चाहिए।
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* सुंदरकांड रामायण का पाठ करते वक्त अवश्य ध्यान रखना कि आप नहाने के बाद भी सुंदरकांड रामायण का पाठ करें और धुले हुए वस्त्र पहनकर हनुमान जी के सामने सुंदरकांड रामायण का पाठ करना चाहिए।
* अपराह्न 12:00 के बाद सुंदरकांड रामायण का पाठ नहीं करना चाहिए। आपको सुबह जल्दी उठकर उसका पाठ कर लेना चाहिए। यदि आप किसी कारणवश देर से इसे कर पा रहे हैं तो भी आपको 12:00 के बाद यह नहीं करना चाहिए।
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* यदि आप सुंदरकांड रामायण का पाठ करने जा रहे हैं तो इसके लिए सबसे जरूरी यह है कि आप इसे शुरू करने से पहले प्रार्थना अवश्य करें।
अभी हमने आपको यह बताया कि सुंदरकांड रामायण का पाठ करते वक्त किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए। इसके अलावा भी हमने आपको सुंदरकांड रामायण के पाठ से जुड़ी सभी जरूरी बातें बताने का प्रयास किया है। लेकिन यह लेख किसी भी प्रकार की ज्योतिष सलाह नहीं है इसके लिए आपको किसी विशेषज्ञ से पूछना चाहिए।
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हमें सुंदरकांड करवाने से पहले क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए सुंदरकांड कब शुरू करवाने से पहले क्या कहलानी चाहिए किस-किस चीज की आवश्यकता पड़ती है कितनी कितनी जरूरत में समान आना चाहिए कब पूजा प्रारंभ करनी चाहिए इसकी जानकारी दीजिए
सुंदरकांड करवाने के लिए हमें कहां जाना पड़ेगा सुंदरकांड की विधि को कैसे बनाते हैं वह तो पंडित ही बताते हैं पर हमें यह बताइए की सुंदरकांड को क्या हम घर पर भी कर सकते हैं पार्ट टाइम में जैसे हम कोई जॉब करते हैं तो इसी तरीके से हम घर बैठकर सुंदरकांड को पढ़ सकते हैं सुंदरकांड की हम कथा पढ़ सकते हैं अगर हम कर सकते हैं तो उसमें हमें विधि बताइए हमें क्या-क्या करना होगा ताकि हम सुंदरकांड को धीरे-धीरे घर पर भी कर सके और घर की समस्याएं भी दूर हो हनुमान जी का वास हो लक्ष्मी जी का वास हो
सुंदरकांड को करवाने से क्या होता है इसको लोग क्यों करवाते हैं इसको करवाने से क्या होता है क्या हनुमान जी का वास होता है या फिर लक्ष्मी जी का निवास होता है ऐसा क्या होता है जिससे सुंदरकांड करवाया जाता है सुंदरकांड की विधि को हमें अच्छे से बताइए