बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हें चावल की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है जो सिर्फ रोटी पर जीवित नहीं रह सकते। वह भले ही थोड़े से सही लेकिन खाने में चावल को शामिल करना जरूरी समझते हैं। ऐसे में आजकल डेंगू की बीमारी बहुत ज्यादा फैल रही है। यही कारण है कि लोग अक्सर यह पूछा करते हैं कि क्या डेंगू में चावल खाया जा सकता है या नहीं? आज के इस लेख में हम आपको इसी प्रश्न का उत्तर देंगे।
क्या डेंगू में चावल खाया जा सकता है?
आई अब यह जानते हैं कि क्या डेंगू में चावल खाया जा सकता है या नहीं या फिर यदि आप डेंगू में चावल खाते हैं तो आपको कौन-कौन से लाभ या फिर कौन-कौन सी हानि देखने को मिल सकती है। इस प्रश्न का उत्तर यहां पर हम बहुत विस्तार से जानेंगे।
* एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेंगू में चावल खाया जा सकता है। लेकिन इसे दिन में ही खाना चाहिए मतलब कि आप दोपहर के वक्त के डाइट में थोड़ा चावल शामिल कर सकते हैं। चावल में ऐसे बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि आपकी डेंगू में होने वाले कमजोरी को भरने में मदद कर सकते हैं। लेकिन चावल का इस्तेमाल डेंगू के मरीज को रात को नहीं करना चाहिए।
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चावल में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट दोनों ही पाए जाते हैं जो कि डेंगू के मरीज को एनर्जी प्रदान करने का कार्य कर सकते हैं और डेंगू के मरीज को एनर्जी की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है।
* डॉक्टर का कहना है कि डेंगू के मरीज को दोपहर में आधा कप चावल खाना चाहिए क्योंकि इसमें कैलोरी भी पाई जाती है और डेंगू के मरीज को कैलोरी की भी बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है। यही कारण है कि डॉक्टर दोपहर के भजन में डेंगू के मरीज को आधा कप चावल लेने की सलाह देते हैं। लेकिन उन्हें ज्यादा चावल नहीं खाना चाहिए उन्हें लिक्विड डाइट ही लेनी चाहिए।
डेंगू में चावल खाना सही है या नहीं?
लोग अक्सर किसी भी बीमारी के होने पर चावल से दूर रहने की सलाह देते हैं क्योंकि वह चावल को ठंडा पदार्थ मानते हैं और उनका कहना है कि चावल ज्यादा एनर्जी भी नहीं देते हैं। इसीलिए वह रोटी पर ज्यादा निर्भर रहते हैं आज के इस लेख में हम आपको यह बताएंगे कि डेंगू में चावल खाया जा सकता है या नहीं।
* एक्सपर्ट्स कहते हैं कि डेंगू के मरीज को चावल कोई नुकसान नहीं देता है लेकिन जरूरी है कि आप इसे किस तरह पकाते हैं यदि आप डेंगू के मरीज को चावल देना चाह रहे हैं तो आपको उसे पकाने का तरीका आना चाहिए। डॉक्टर कहते हैं कि जब चावल को उगाया जाता है तो किसान उनकी अच्छी गुणवत्ता और उनकी अच्छी ग्रोथ के लिए इन्हें बहुत से रासायनिक पदार्थ का इस्तेमाल करते हैं।
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यही कारण है कि चावल आपको नुकसान दे सकते हैं इसीलिए जरूरी है कि यदि आप डेंगू के मरीज को चावल देना चाह रहे हैं तो आपको उन्हें पूरी रात भिगोकर रखना चाहिए और फिर अगले दिन बनाना चाहिए। मतलब की भिगोकर रख गए चावल बनाने के बाद डेंगू का मरीज खाता है तो उसे बहुत से फायदे देखने को मिलते हैं।
* ऐसे डेंगू के मरीज जिनका ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा हाई हो गया है उन्हें चावल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मतलब कि यह प्रश्न की डेंगू में चावल खाया जा सकता है या नहीं अपने अंदर दोनों उत्तर समय हुए हैं। हां भी और नहीं भी आप डेंगू के मरीज को चावल दे भी सकते हैं और उसे चावल नहीं भी देने चाहिए। यह बात मरीज की स्थिति पर निर्भर करती है हाई ब्लड शुगर वाले व्यक्ति को चावल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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यही कारण है कि डेंगू में भी उसे चावल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि हम ऊपर बता चुके हैं कि चावल में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो कि आपकी जीआई के लेवल को बहुत ज्यादा बढ़ा सकता है। यदि आप डेंगू के मरीज है और आपका चावल का सेवन कर रहे हैं तो आपको यह तुरंत बंद कर देना चाहिए। इससे आपको और ज्यादा नुकसान हो सकता है।
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कुछ लोगों की आदत होती है कि वह थोड़ी-थोड़ी देर में कच्चे चावल खाते रहते हैं। लेकिन डेंगू के मरीजों को तो इससे और ज्यादा नुकसान देने को मिलता है सामान्य स्थिति रखने वाले मरीज को भी कच्चे चावल खाने से नुकसान ही होता है।
यहां पर हमने आपको यह बताने का प्रयास किया है कि डेंगू में चावल खाया जा सकता है या नहीं। यदि किसी व्यक्ति को डेंगू की समस्या हो रही है तो उसे बहुत सोच समझ कर ही अपने आहार में व्यंजनों को शामिल करना चाहिए और उसे किसी भी प्रकार का भोजन करने से पहले डॉक्टर से अवश्य पूछना चाहिए। उसे दवाइयां का भी खास ख्याल रखना चाहिए। इस लेख में हमने आपको बहुत से प्रश्नों का उत्तर दिए हैं।