समावेशी शिक्षा क्या होती है? अर्थ ,परिभाषा ,उद्देश्य और इसके महत्व के बारे में अक्सर लोग प्रश्न किया करते हैं क्योंकि उनके मन में यह प्रश्न अक्सर रहता है कि समावेशी शिक्षा से किसी व्यक्ति को क्या फायदा हो सकता है। जहां समाज में कुछ लोग इसका विरोध करते हैं तो कुछ लोग इसके पक्ष में भी रहते हैं। हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
समावेशी शिक्षा की परिभाषा क्या है?
इस लेख की शुरुआत हम समावेशी शिक्षा की परिभाषा जानने से करेंगे। इस शिक्षा प्रणाली के तहत सभी छात्रों को समर्थनकारी वातावरण और समावेशी माहौल देने का प्रयास किया जाता है। एक ऐसी शिक्षा प्रणाली जिसमें की सभी छात्रों को बिना किसी विविधता के आधार पर और उनकी विकलांगता को नकारते हुए एक साथ उन सभी को समर्थनकारी और समावेशी माहौल देने के उद्देश्य के साथ पढ़ाया जाना।
ध्यान से पढ़ो : भारत के कुल राज्य तथा उनकी भाषा व् जिलों की संख्या से जुड़ी संपूर्ण जानकारी दिए गए लिंक से प्राप्त करे ।
समावेशी शिक्षा का अर्थ क्या है?
समावेशी शिक्षा का अर्थ बहुत ही सरल सा होता है कि सभी छात्रों का एक साथ पढ़ना। इस शिक्षा प्रणाली में किसी को उसके विकलांगता के आधार पर पीछे छोड़ा जाता है।
कम शब्दों में कहा जाए तो इस शिक्षा प्रणाली में छात्रों को किसी भी प्रकार की विविधता का एहसास कराएं बिना उनकी सीखने की क्षमता पर पूरा ध्यान दिया जाता है। इस शिक्षा प्रणाली के तहत इस बात पर जोर दिया जाता है कि विकलांग छात्रों को अलग से न पढ़ाकर सभी छात्रों के साथ ही पढ़ाया जाए।
समावेशी शिक्षा का उद्देश्य क्या है?
आप इसका अर्थ जानने के बाद यह जानने का प्रयास करेंगे कि आखिर इस शिक्षा को शुरू करने के पीछे उद्देश्य क्या है तो हम आपको बता दे कि समावेशी शिक्षा के माध्यम से समाज को एक ही तराजू में तोलने का प्रयास किया जा रहा है।
* बिना भेदभाव शिक्षा: इस प्रकार की शिक्षा को शुरू कर यह आशा की जाती है किसी भी व्यक्ति को लिंग, विकलांगता, जाति रंग आदि के आधार पर पीछे नहीं छोड़ा जाएगा और सभी को समाज में बराबर का दर्जा दे सहिष्णुता की भावना से देखा जाएगा।
आप यह भी पढ़ सकते है : बच्चों को कैसे पढ़ाएं? बच्चों को पढ़ाने का सही तरीका क्या है?
* छात्र विविधता अपनाएंगे: इस शिक्षा प्रणाली को शुरू करने का एक उद्देश्य यह भी है कि छात्र अपने आसपास के विविधता को अपना सके और उसका सम्मान करना सीख सके। क्योंकि हमारे समाज में काफी समय पहले यह सिखाया जाता था कि हम सभी एक दूसरे से अलग-अलग है।
* अच्छा समावेश और समरसता: इस शिक्षा के माध्यम से छात्रों को एक अच्छा समावेश मिलेगा। इसके अलावा उनकी समरसता को भी बढ़ावा मिलेगा।
समावेशी शिक्षा का लाभ क्या है?
अक्सर लोग किसी भी कदम को अपनाने के लिए या समाज में किसी भी बदलाव को हटाने के लिए उसके लाभ से आकर्षित होते हैं। इसीलिए नीचे हम आपको समावेशी शिक्षा के लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं।
* सकारात्मक विविधता: यदि यह शिक्षा छात्रों को दी जाती है तो इससे उनके मन में विविधता के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न होता है जिससे कि वह विविधता को एक बाधा की तरह न देखते हुए एक अवसर की तरह देखते हैं।
महत्वपूर्ण विषय : इंग्लिश में बात करने के आसान टिप्स
* छात्र बनेंगे आत्मनिर्भर: इस प्रकार की शिक्षा प्रणाली के माध्यम से पढ़ रहे सभी छात्र भविष्य में आत्मनिर्भर बनेंगे। उन्हें अपनी छोटी-छोटी जरूरत के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
* सामाजिक कौशल होगा विकसित: यदि छात्र इस शिक्षा प्रणाली के तहत पढ़ते हैं तो इससे उनके सामाजिक कौशल का विकास होने लगेगा और वह एक बेहतर पर्सनालिटी के रूप में उभर कर सामने आएंगे।
एक नज़र में आप यह भी पढ़ सकते है : कम समय में परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
* टीम वर्क: जब छात्र इस शिक्षा प्रणाली के तहत पढ़ना शुरू करते हैं तो इससे हमें एक दूसरे को सहयोग करने की भावना उत्पन्न होती है और वह एक दूसरे की आगे बढ़ने में मदद करने लगते हैं।
यह भी पढ़े : पढ़ाई में मन ना लगे तो क्या करना चाहिए
* शिक्षा के समान अवसर: समावेशी शिक्षा प्रणाली के आ जाने से सभी छात्रों को पढ़ाई के समान अवसर मिलने लगे हैं। अब वह बिना किसी भेदभाव के एक साथ बैठकर पढ़ सकते हैं।
* विदेशी अवसर की संभावना: जो भी छात्र इस शिक्षा प्रणाली के तहत अपने शिक्षा ग्रहण करेगा उसके लिए विदेश में नौकरी के अवसर खुलने की संभावना सदैव ही बनी रहेगी।
जानिए: अखिल भारतीय सेकेंडरी स्कूल परीक्षा की संपूर्ण जानकारी
* शिक्षकों की ज्ञान की वृद्धि: यदि यह शिक्षा प्रणाली छात्र स्वीकारते हैं और वह इसके तहत पढ़ना शुरू करते हैं तो विभिन्न प्रकार के छात्रों को पढ़ाकर शिक्षकों को भी फायदा होगा और वह भी इस शिक्षा प्रणाली के माध्यम से अपने ज्ञान की वृद्धि कर पाने में सक्षम होंगे।
इस लेख के माध्यम से हमने आपको यह बताया कि समावेशी शिक्षा क्या होती है? जहां आपको समझ में इस शिक्षा के कुछ विरोधी मिल जाएंगे तो कुछ पक्षकार में मिल जाएंगे। लेकिन हम आपको यह बात बहुत ज्यादा स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि समाज के लिए समावेशी शिक्षा बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से आपको समाज में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।