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अनुशासन पर सुविचार: व्यक्ती के जीवन में अनुशासन का महत्व बताते दोहे

by Ajay Sheokand
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vyaktee ke jeevan mein anushaasan ka mahatv bataate dohe

आप बचपन से ही अनुशासन शब्द का प्रयोग हर जगह होते हुए देखते आए होंगे। जब आप स्कूल की किसी पंक्ति को तोड़कर आगे निकलने का प्रयास करते होंगे तो आपके अध्यापक आपको अवश्य कहते होंगे कि अनुशासन में रहो।

ऐसे ही और बहुत से उदाहरण दिए जा सकते हैं जहां पर अनुशासन शब्द का प्रयोग होता है। लेकिन अनुशासन का अर्थ सही मायने में क्या होता है? आज अनुशासन पर बहुत से सुविचार लिखे जा चुके हैं।

आइए आज के इस लेख में हम आपको अनुशासन पर सुविचार देते हैं। साथ ही हम आपको अनुशासन पर दोहे भी बताएंगे। तो आइए शुरू करते हैं अनुशासन पर विचार के ऊपर लिखा गया यह लेख।

अनुशासन पर दोहे – (Anushaasan par dohe)

नीचे हम आपको कुछ दोहे बताने जा रहे हैं जो खासतौर से अनुशासन पर ही लिखे गए हैं। इन दोहों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है क्योंकि अनुशासन हमें जीवन को जीने की कला सिखाता है। 

  • आपने इस बात पर बहुत से दोहे अवश्य पढ़े होंगे कि आज का काम कभी भी कल पर नहीं डालना चाहिए। इसी क्रम में यदि देखा जाए तो यदि हम आज का काम कल पर डाल देते हैं तो हम वही अनुशासनहीनता कर बैठते हैं जिससे कि हमारा काम रुकता चला जाता है। इसीलिए मनुष्य को अनुशासन में रहते हुए अपना आज का काम आज निपटा देना चाहिए और अनुशासन से रिश्ता जोड़ लेना चाहिए। 
  • जो व्यक्ति अनुशासन में रहना जानता है वह सदैव ही आगे बढ़ता है क्योंकि अनुशासन व्यक्ति को आगे बढ़ने का मार्ग दिखाता है। अनुशासित व्यक्ति की कद्र तो स्वयं समय भी करता है। अतः जो व्यक्ति अनुशासन से रहना जानता है वह भविष्य में जरूर कुछ अच्छा पाता है
  • ऐसा कोई अज्ञानी व्यक्ति ही होगा जिसे यह बात नहीं पता होगी कि वह लाखों की भीड़ में भी अपनी अनुशासन के कारण एक अलग पहचान बन सकता है। यह बात आपने भी देखी होगी कि जो व्यक्ति अनुशासन में रहता है लोग उसके अनुशासन की बात अवश्य करते हैं।

अनुशासन पर महान व्यक्तियों द्वारा दिए गए सुविचार 

जिस व्यक्ति के जीवन में अनुशासन नहीं होता है यानी कि जो व्यक्ति अनुशासन में रहकर अपने कार्य नहीं करता हैं और अनुशासन में रहकर अपना जीवन व्यतीत नहीं करता है उसका जीवन कभी भी सुचारू रूप से नहीं चल पाता है।

  • गौतम बुद्ध ने लिखा है कि यदि व्यक्ति का कोई सबसे बड़ा रक्षक होता है तो वह स्वयं होता है जिस व्यक्ति का खुद पर नियंत्रण होता है उसमें इतनी ज्यादा क्षमता होती है कि वह सब कुछ हासिल कर सकता है और अपने जीवन में सब कुछ भी लोग हासिल कर पाते हैं। 
  • एंड्रेस जूली द्वारा यह लिखा गया है कि समाज में बहुत से लोग ऐसे हैं जो अनुशासन को बहुत ही पका हुआ कार्य समझते है लेकिन मेरे लिए अनुशासन में रहना एक सुव्यवस्थित ढंग से चलने का जरिया है जो कि मुझे भविष्य में उड़ने के लिए तैयार कर रहा है।

अनुशासन पर सुविचार – (Anushaasan par suvichaar)

हमारे देश में ऐसे बहुत से महान व्यक्ति हो चुके हैं जो कि प्रत्येक विषय पर बहुत सी महान बातें लिख चुके हैं। इसी क्रम में आज हम आपको बहुत से महान व्यक्तियों के अनुशासन पर लिखे गए सुविचार के बारे में बताने जा रहे हैं। 

डॉ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने लिखा है कि मनुष्य को अनुशासन और गतिशीलता की आदत को विकसित करना चाहिए और अपने दृढ़ विश्वास को कभी भी टूटने नहीं देना चाहिए। 

असग़र वजाहत जी लिखते हैं कि संकट का वक्त व्यक्ति को एकता से रहना सिखा देता है और एकता व्यक्ति को अनुशासन और अनुशासन के अनुकूल व्यवहार करना सिखा देती है।

इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि अनुशासन के द्वारा ही परिवार और राष्ट्र को चलाया जा सकता है। यदि अनुशासन नहीं होगा तो ना तो परिवार ही चल पाएगा और ना ही राष्ट्र ठीक से चल पाएगा। 

एक अनुशासित व्यक्ति की हर जगह तारीफ होती है और वह सभी कार्य अच्छे से कर पाने में भी सक्षम होता है। 

  • अनुशासित व्यक्ति में क्रोध और गुस्सा नहीं होता है और एक अनुशासित व्यक्ति हमेशा अपने गुस्से और क्रोध पर काबू करने की क्षमता रखता है। इसीलिए आप उसे उसे अच्छे ड्राइवर से कंपेयर कर सकते हैं जो की तेज भाग रही गाड़ी को भी संभाल लेता है। ना कि ड्राइवर से जो अपनी सीट पर बैठे उस ड्राइवर से जो अपनी सीट पर बैठा रहे और एक्सीडेंट का इंतजार करते रहे।
  • जिस व्यक्ति के भीतर अनुशासन की कमी होती है वह व्यक्ति खुद से नफरत करने लगता है और कुंठा की ओर जाने लगता है।
  • भगवत गीता में भी अनुशासन पर यह कहा गया है कि व्यक्ति को यह भ्रम नहीं पालना चाहिए कि उसे बहुत ज्यादा आत्मज्ञान है। उसे तलवार से काटकर फेंक देना चाहिए और साथ ही अपने दिल से अज्ञान के भ्रम को भी मिटा देना चाहिए और अनुशासन में रहकर ही उठना चाहिए। 

आत्म अनुशासन पर हिंदी में सुविचार

व्यक्ति दूसरों का अनुशासन में तभी रख सकता है जबकि वह खुद अनुशासन में रहे। इसीलिए बहुत से महान लोगों ने आत्म अनुशासन पर भी बहुत से सुविचार लिखे हैं और जब हम आपको अनुशासन पर हिंदी में विचार बता रहे हैं तो हमारा फर्ज बनता है कि आपको अनुशासन पर भी हिंदी में सुविचार बताएं। 

  • जॉन वुडन कहते हैं कि यदि व्यक्ति स्वयं को अनुशासित कर लेता है तो उसे कभी भी दूसरे व्यक्ति को अनुशासन में रखने की जरूरत नहीं पड़ती है। 
  • रॉबर्ट कियोसकी द्वारा यह लिखा गया है कि आत्मविश्वास अनुशासन और अभ्यास दोनों से पैदा होता है। 
  • विलियम फेदर द्वारा यह लिखा गया है कि जब व्यक्ति खुद को अनुशासित नहीं करता तो उसे अनुशासित करने का काम दुनिया करती है। 
  • माइकल जे. फॉक्स यह कहते हैं कि हमें इस बात पर कभी भी ध्यान नहीं देना है कि हमें कोई कार्य करते हुए दूसरा व्यक्ति देख रहा है बल्कि जब हम किसी के ना रहते हुए भी कोई कार्य सही ढंग से करते हैं तो इसे ही अनुशासन कहा जाता है।

अनुशासन पर अनमोल वचन – (Anushaasan par Anamol Vachan)

अब जब हम अनुशासन शब्द को विस्तार से जानने का प्रयास कर रहे हैं। हम इस पर बहुत से अनमोल वचन और सुविचार पढ़ रहे हैं। हम इस पर दोहे भी पढ़ चुके हैं इस पर कुछ और अनमोल वचन पढ़ लेना बेहतर होगा।

डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार प्लीज भी अपने एक बहुत ही प्रख्यात सुविचार में यह बात कहा है कि जब तक किसी व्यक्ति के जीवन में बिना स्वार्थ की भावना नहीं आएगी तब तक वह पूर्ण तरह से अनुशासन का निर्माण नहीं कर पाएगा। 

आपने गौतम बुद्ध द्वारा लिखी गई अनुशासन पर यह प्रसिद्ध पंक्तियां तो अवश्य पढ़ी होगी। कि यदि व्यक्ति अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेना चाहता हैं, साथ ही अपने परिवार में सच्ची खुशी लाना चाहता है और सभी को शांति प्रदान करना चाहता है तो सबसे पहले उसे अपने मन को अनुशासन में रखने की जरूरत है साथ ही उसे अपने मन पर नियंत्रण साधने की जरूरत है।

यहां पर यह बात जान लेना बहुत आवश्यक है कि यदि समर्पण नहीं होगा और अनुशासन की कमी होगी। तो आपके अंदर कितनी ही प्रतिभा हो वह किसी भी काम को साकार नहीं कर पाएगी।

इसीलिए यदि आप किसी कार्य को अपने प्रतिभा के माध्यम से करना चाह रहे हैं तो जरूरी है कि आप उसमें अनुशासन बनाए रखें साथ ही उसके प्रति समर्पित भी हो।

किसी भी कार्य में सफल होने के लिए समर्पण की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। वहीं यदि किसी काम को बिना अनुशासन के बेढंगे ढंग से किया जाए तो लोग उसे पसंद नहीं करते हैं।

निष्कर्ष – (Conclusion)

हम आशा करते हैं कि आप ऊपर दिए गए अनुशासन पर दोहे को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे। साथ ही आप अनुशासन पर सुविचार पढ़ उन को भी आत्मसात करेंगे।

अनुशासन पर अनमोल वचन पढ़ना हमारी पर्सनालिटी को डेवलप करने में मदद कर सकता है। यदि आप चाहते हैं कि हम आपके सामने इसी तरह के और लेख लेकर आए तो आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।

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