Monday, July 8, 2024
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बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जीवनी: जिन्होंने संविधान को रचा

by Ajay Sheokand
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Bheem Rao Ambedkar ki Jeevani

आज के इस लेख में हम आपको बाबा साहेब के नाम से जाना जाने वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जीवनी के बारे में बताएंगे। यह वही भीमराव अंबेडकर है जिन्होंने भारत के संविधान को रचा है। 

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर कौन है? 

यह एक ऐसा नाम है जिससे कोई भी अछूता नहीं रहा है। दरअसल इनका मूल नाम भीमराव था और इनका जन्म महू में हुआ था जहां पर उनके पिता राम जी वल्ड मालोजी सकपाल मेजर सूबेदार के पद पर थे।

भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। इनके पिता कबीर पंथी थे और माता धर्म परायण थी। 

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बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की शिक्षा कहां से हुई? 

यह प्रश्न भी बहुत ज्यादा मायने रखता है कि आखिर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने अपनी शिक्षा कहां से ग्रहण की तो बता दे कि उनकी प्राथमिक शिक्षा दापोली और सतारा में हुई थी और उन्होंने अपनी मैट्रिक की कक्षा 1907 में मुंबई के एल्फिंस्टोन स्कूल से पास की थी।

अंबेडकर ने 1912 में अपनी स्नातक की परीक्षा मुंबई विश्वविद्यालय से पास की जो कि उन्होंने बड़ौदा नरेश सयाजी राव गायकवाड की फेलोशिप के द्वारा पूरी की थी। क्योंकि उन्हें संस्कृत पढ़ने से मना कर दिया गया था यही कारण था कि उन्होंने अपनी स्नातक में फारसी को चुना था।

फेलोशिप प्रकार बी. ए करने के बाद वह एम.ए की पढ़ाई करने के लिए इच्छुक थे इसके लिए भी उन्हें दोबारा से यही फैलोशिप मिली और वह कोलंबिया विश्वविद्यालय जो अमेरिका में स्थित है में दाखिल हो गए। 

वहां से उन्होंने 1915 में अपनी एम. ए की डिग्री पाई। इसे पूरा करने के लिए उन्होंने अपना एक बहुत ही बेहतरीन शोध कार्य प्राचीन भारत का वाणिज्य भी लिखा था। वहीं पर 1916 में अंबेडकर को पी. एचडी की उपाधि भी प्राप्त हो गई।

पी. एचडी में उन्होंने ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का विकेंद्रीकरण विषय पर शोध की थी। जब उनकी फैलोशिप समाप्त हो गई तो उन्होंने सोचा कि वह ब्रिटेन होते हुए लौटेंगे।

इसी दौरान उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स एंड पॉलीटिकल साइंस में डीएससी और एमएससी के साथ ही विधि संस्थान बार एट लॉ की उपाधि को ग्रहण करने हेतु खुद का पंजीकरण कर दिया। 

इसके आलावा आप यहाँ पर बिहार में वर्तमान जिलों की संख्या, नाम व् उनकी विशेषताएं जान सकते हैं।

डॉ भीमराव अंबेडकर ने कौन सी पुस्तक लिखी? 

बता दे कि भीमराव अंबेडकर एक बहुत ही अच्छे लेखक भी थे। उनमें बहुत ज्यादा प्रतिभा थी और वह एक जुझारू लेखक के रूप में जाने जाते हैं। वह जितनी रुचि पढ़ने में रखते थे उतनी ही रुचि लिखने में भी रखते थे।

इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब वह मुंबई में अपने राजगृह में रहते थे तो उन्होंने एक ग्रन्थालय बनाया हुआ था।

उन्होंने बहुत से ग्रंथ लिखे थे जैसे कि हू वेयर द शुद्रास, कास्ट इन इंडिया, द बुद्ध एंड हिस्स धम्म और एनीहिलेशन ऑफ कास्ट इसके अलावा भी उनके द्वारा बहुत से ग्रंथ लिखे गए हैं। 

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डॉ भीमराव अंबेडकर को कौन-कौन से पुरस्कार और सम्मान से नवाजा गया? 

डॉ भीमराव अंबेडकर एक ऐसी हस्ती थी जिन्हें बहुत ही ज्यादा पुरस्कार और सम्मान दिए गए थे नीचे हम आपको इन सभी के बारे में बताएंगे।

  • 1990 में भीमराव अंबेडकर की मृत्यु हो जाने के बाद उन्हें भारत का सबसे उच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न भी दिया गया था। 
  • इसके अलावा उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय अमेरिका द्वारा 1952 में डॉक्टर ऑफ लॉज की उपाधि दी गई थी। 
  • उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद के द्वारा उन्हें 1953 में डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की उपाधि भी दी गई थी। 
  • डॉ भीमराव अंबेडकर के लिए चिचोली गांव जो की नागपुर जिले में है में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर वस्तु संग्रहालय जिसे शांतिवन भी कहा जाता है बनाया गया है। यहां पर भीमराव अंबेडकर की वह वस्तुएं रखी गई है जिन्हें वह निजी रूप से इस्तेमाल करते थे।
  • अलीपुर रोड नई दिल्ली में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण किया गया है। 
  • कोयासन विश्वविद्यालय जापान में भी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाई गई है।
  • स्टेचू ऑफ़ इक्वलिटी मुंबई महाराष्ट्र में बनाया गया है यह प्रतिमा 400 फीट ऊंची है। 
  • पुणे महाराष्ट्र में एक राष्ट्रीय संग्रहालय है जो कि डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर संग्रहालय और स्मारक के रूप में जाना जाता है।
  • दिल्ली में डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर भी है। 
  • दादर मुंबई महाराष्ट्र अंबेडकर का घर है जिसे राजगृह कहा जाता है। 
  • अमरावती आंध्र प्रदेश में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा है जिसे डॉक्टर बी आर अंबेडकर स्मृति वनम या फिर डॉक्टर बी आर अंबेडकर मेमोरियल पार्क के रूप में जाना जाता है।

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निष्कर्ष

यहां पर हमने आपको बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जीवनी के बारे में बहुत सी मुख्य बातें बताई है। हालांकि यहां पर उनकी पूरी जीवनी को समेट पाना संभव नहीं हो पाया है क्योंकि उनका जीवन बहुत ही ज्यादा संघर्षों से भरा रहा है और इस एक छोटे से लेख में समा पाना मुश्किल होगा। लेकिन हमने आपको उनसे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें बताने का प्रयास अवश्य किया है। 

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