इस कहानी में अब तक हम यह पढ़ चुके हैं कि सभी गांव वाले हवेली के अंदर जाने का तय करते हैं और उसके लिए भी तैयारी कर रहे थे। लेकिन अभी भी उन्हें यह आस थी कि ढोलू और भोलू अवश्य कुछ सच बताएंगे।
गांव वालों का सोचना सच साबित हुआ और जैसे ही वह सब हवेली के भीतर जाने के लिए एकत्रित हो रहे थे तो अचानक से ढोलू बोल उठा कि उन्हें हवेली के अंदर नहीं जाना चाहिए जिस पर भोलू ने सहमति दिखाई।
फिर दोनों में धीरे-धीरे कर यह बताना शुरू कर दिया कि उन्होंने हवेली के अंदर क्या देखा। ढोलू ने बताया कि वह दोनों खेलते खेलते कब हवेली में चले गए इस का उन्हें पता ही नहीं चला। वह हवेली के भीतर भी काफी देर तक खेलते रहे। हवेली इतनी बड़ी थी कि वह उसमें खो गए बहुत प्रयासों के बाद भी उन्हें बाहर आने का रास्ता नहीं मिला और वह खेलते खेलते हवेली के छत पर भी पहुंच गए जब वह छत से वापस लौट रहे थे तो उन्हें एक कमरा दिखाई दिया जिसमें की बहुत सारे चित्र लगे हुए थे। यह सभी चीज बड़े-बड़े राजा महाराजाओं के थे कुछ चित्र उस वक्त के भी थे जब राजा महाराजा शिकार पर जाया करते थे।
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उनके शिकार करने के दौरान के चित्र भी थे बड़े-बड़े दरबारों के चित्र भी लगे हुए थे। वहीं दूसरी ओर कई युद्ध के चित्र भी लगे हुए थे। दूसरे कमरे में गए तो देखा की बहुत बड़े आकार का एक बेड पड़ा हुआ है। यह सब देखकर ढोलू भोलू नहीं चुके थे लेकिन जब उन्होंने अंदर कुछ लोगों को देखा तो वह जो गए दरअसल अंदर कुछ चोरों का गिरोह था जो कि यह जान चुका था कि गांव वाले उसे हवेली में जाने से डरते हैं। इसीलिए वह पुलिस से बचाने के लिए उसे हवेली में अपना चोरी का माल छुपा दिया करते थे। वह यह काम रात को करते थे जब गांव वाले सो जाया करते थे। जब ढोलू भोलू ने उन्हें देख लिया तो उन्होंने ढोलू भोलू को यह धमकी दी की यदि उन्होंने बाहर जाकर किसी को कुछ भी बताया तो वह उन्हें मार डालेंगे। इसी कारण वह दोनों बहुत ज्यादा डर गए थे और भागते-भागते बाहर आ रहे थे जिससे कि उनका बस्ता भी वहीं गिर गया था।
जब यह बात गांव वालों को पता चली तो उन्होंने तुरंत ही पुलिस को खबर कर दी और बताया कि चोरों के एक गिरोह ने पुरानी हवेली में अपना अड्डा बनाया हुआ है। गांव वालों की शिकायत सुनकर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचे और उन्होंने चोरों के उस गिरोह को गिरफ्तार किया उन्होंने बहुत सा चोरी का माल भी बरामद किया। पुलिस ने चोरों को पकड़ने के बाद गांव वालों का शुक्रिया अदा किया और बताया कि चोरों की इस गिरोह को पकड़ने के लिए वह बहुत दिनों से प्रयास कर रहे थे लेकिन उन्हें बिल्कुल भी यह अंदाजा नहीं लग पा रहा था कि चोरों का यह गिरोह कहां छुप सकता है। चोरों के इस गिरोह पर पुलिस ने बहुत बड़ा इनाम घोषित किया हुआ था जिसे गांव वालों को देने का निश्चय किया गया इसके अलावा आप लोगों के मन से पुरानी हवेली का भय चला गया था। दरअसल यह एक राजा की पुरानी हवेली हुआ करती थी और यहां पर बहुत समय पहले वह राजा निवास किया करता था।
लेकिन अभी भी गांव वालों के मन में यह प्रश्न था कि आखिर ढोलू और भोलू अमरूद के पेड़ के पास कैसे पहुंचे जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। इतने में ही अचानक से एक गांव वाला बोल उठा कि दरअसल उस अमरूद के पेड़ के सामने एक बहुत बड़ा बरगद का पेड़ हुआ करता था जो अभी कुछ दिन पहले ही काटा गया है। शायद उस बड़े से बरगद के पेड़ के पीछे यह अमरूद का पेड़ छुप गया था और हम सब हवेली के डर की वजह से कभी भी इधर की ओर आने की हिम्मत नहीं करते थे और कभी आते भी थे तो जल्दी-जल्दी निकल जाया करते थे। हो सकता है इसी कारण से हम सबकी नजर इस अमरूद के पेड़ पर कभी भी ना गई हो। इस बात पर सभी गांव वालों ने अपनी सहमति जताई है और वह सब खुशी-खुशी गांव में रहने लगे। अब वह हवेली के अंदर भी आना-जाना करने लगे। हवेली की साफ-सफाई शुरू की गई और सरकार की सहमति से हवेली को एक बड़ा सा अनाथ आश्रम बनाने का तय किया गया।
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