आज का यह लेख एक चमत्कारी कलम की कहानी बताने जा रहा है जिसमें आप जानेंगे कि कैसे चमत्कारी कलम एक छोटे से बच्चे का पूरा जीवन बदल देती है।
यह कहानी है एक छोटे से गांव की जो दिखने में बहुत ज्यादा सुंदर था उसमें नदियां, झरने, पहाड़ सभी कुछ था। वहां के अधिकतर लोग खेती किया करते थे उसी गांव में राहुल नाम का एक लड़का रहा करता था। राहुल के परिवार में उसके माता-पिता एक छोटी बहन और दादा-दादी भी थे। वह सभी बहुत ज्यादा मिलजुल कर रहते थे। लेकिन अक्सर स्कूल में बच्चे राहुल का मजाक बनाया करते थे क्योंकि वह पढ़ने लिखने में ज्यादा अच्छा नहीं था। लेकिन राहुल का सपना था कि वह पढ़ लिखकर एक अच्छा अफसर बने और अपने मां-बाप का नाम रोशन करें। साथ ही वह शहर में जाकर अच्छा जीवन व्यतीत करना चाहता था लेकिन राहुल पढ़ने में इतना कमजोर था कि वह एक ही कक्षा में दो बार फेल हो गया था।
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वहीं दूसरी ओर राहुल की बहन पढ़ने लिखने में काफी होशियार थी यही कारण था कि राहुल के सभी रिश्तेदार भी यह कहते थे कि उसे पढ़ाई पर ध्यान देने की आवश्यकता है। लेकिन सच्चाई को यह है कि राहुल का मन कभी पढ़ाई में लगता ही नहीं था। राहुल को चीजें जमा करने का बहुत ज्यादा शौक था उसे रास्ते में यदि कुछ भी अच्छा गिरा हुआ मिल जाता तो वह उसे उठाकर लाता और घर पर साफ कर उसे अपने बक्से में रख लेता। उसकी इस आदत से उसके परिवार के लोग बहुत परेशान भी थे। क्योंकि उन्हें लगता था कि राहुल की चीजें जमा करने की यह आदत बेकार है और इसी कारण से वह पढ़ाई लिखाई पर ध्यान नहीं दे पाता हैं।
राहुल की एक आदत यह भी थी कि वह जो चीज एक बार बक्से में डाल देता था उसे कभी दोबारा नहीं देखा करता था उसे बस चीज इकट्ठा करने का शौक था लेकिन उसे उनसे कोई लगाव नहीं था। वह उन चीजों के साथ न तो कभी खेलता था और न हीं कभी उनका कुछ इस्तेमाल किया करता था। राहुल की यह आदत उसके मां-बाप को और परेशान रखती थी वह सोचते थे कि किस तरह से राहुल का भविष्य बेहतर बनाया जाए और किस तरह से उसका ध्यान पढ़ाई की ओर केंद्रित किया जाए। तमाम प्रयासों के बाद भी वह राहुल का मन पढ़ाई में नहीं लगा पा रहे थे राहुल रोज स्कूल तो जाता लेकिन स्कूल से आते ही खेलने लग जाता है। वह कभी भी अपना होमवर्क नहीं करता था जिस कारण से उसे स्कूल में काफी डांट भी पढ़ती थी।
एक दिन राहुल स्कूल से लौट रहा था तो उसे रास्ते में एक कलम गिरी हुई मिली राहुल की तो आदत थी कि जो भी चीज रास्ते में मिलती थी वह उसे उठा लिया करता था उसने वह कलम तुरंत अपने हाथ में उठा ली उसने देखा कि वह कलम बहुत ज्यादा चमक रही थी। वह कलम अन्य कलम से कुछ अलग थी उसका रंग भी अलग था और वह आकार में अन्य कलम से थोड़ी बड़ी भी थी।
राहुल को यह सब देखकर आश्चर्य तो हुआ। लेकिन उसने बिना अपना दिमाग लगाए उस कलम को अपने बस्ते में रख लिया। हालांकि उस पर काफी धूल मिट्टी लग चुकी थी क्योंकि शायद वह काफी समय से सड़क पर पड़ी हुई थी। लेकिन फिर भी राहुल ने उसे उठाकर अपने बस्ते में रख लिया और घर जाकर बसता एक कोने में डालकर बाहर खेलने चला गया। राहुल खेलकर आने के बाद थक कर सो गया और वह उस कलम के बारे में बिल्कुल भूल गया जब वह रात को उठा तो सब ने उसे कहा कि उसे अपना होमवर्क कर लेना चाहिए लेकिन राहुल ने किसी की भी नहीं सुनी और वह फिर से टीवी देखता देखता ही सो गया।
वास्तव में वह कलम कोई सामान्य कलम नहीं थी उसकी चमक से ही राहुल को यह समझ जाना चाहिए था कि वह एक चमत्कारी कलम है या फिर राहुल को यह तो अवश्य सोचना चाहिए था कि वह एक असामान्य कलम है और जरूर वह अन्य कलम से कुछ अलग है। लेकिन राहुल इतना ज्यादा आलसी था कि उसने इस बारे में कुछ भी नहीं सोचा उसे यह अहसास तक ना हुआ कि जिस कलम को वह अपने बस्ती में रख लाया है वह एक चमत्कारी कलम है जो उसके सारे सपनों को पूरा कर सकती है।
कहानी के अगले भाग में हमें यह पता चलेगा कि आखिर राहुल को किस तरह से पता चलता है कि जो कलम उसे मिली है वह चमत्कारी है और राहुल उसका इस्तेमाल कर क्या-क्या चमत्कार करने जा रहा है। क्या इस कलम के कारण राहुल का भविष्य बदलने जा रहा है? क्या इस कलम के कारण राहुल के बर्ताव में कुछ बदलाव आने जा रहा है? इन सभी प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए आपको कहानी का अगला भाग अवश्य पढ़ना चाहिए।