अब तक इस कहानी में हम यह पढ़ चुके हैं कि राहुल को चमत्कारी कलम मिल चुकी है लेकिन वह इतना ज्यादा लापरवाह हो गया है कि उसने उस पर अब तक ध्यान नहीं दिया है। यहां तक कि उसने उसे अब तक अपने बस्ते से भी नहीं निकाला है।
अगले दिन जब राहुल की मां उसका लंच बॉक्स रखने के लिए उसका बस्ता खोलती है तो उसमें उसे वह कलम दिखती है और वह समझ जाती है कि जरूर राहुल को वह कहीं पड़ी हुई मिल गई होगी जब वह उससे इसके बारे में पूछता है तो वह उससे उसे छीन कर साफ कर अपने बक्से में डाल देता है। और स्कूल चला जाता है।
इसी प्रकार लापरवाही में राहुल के दिन बीत रहे थे वह ना तो पढ़ने में मन लग पा रहा था न हीं वह किसी और काम में अच्छा था। वह जैसे तैसे बस पास हो जाया करता था इसी तरह उसके मां-बाप ने उसे दसवीं तक पढ़ा दिया। अब राहुल पास के ही खेतों में जाकर काम करने लगा लेकिन यह वह जीवन नहीं था जो राहुल ने अपने लिए सोच रखा था वह तो शहर में जाकर कुछ बड़ा करना चाहता था। वह तो बड़ा अफसर बनकर समाज और अपने परिवार के लिए बहुत कुछ करने की चाह रखता था लेकिन उसके बचपन की लापरवाही में उसके सारे सपनों पर पानी फेर दिया था।
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एक बार की बात है घर में आर्थिक तंगी चल रही थी और दिवाली बस आने ही वाली थी यहां तक की घर वालों के पास दिवाली पर दिए लाने तक के पैसे नहीं थे। वह दिन रात मेहनत कर रहे थे लेकिन सभी वैसा राहुल के दादा दादी के इलाज के खर्चे में चला जाता था। राहुल चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा था हालांकि अब उसे अपनी गलतियों का एहसास होता था उसे लगता था कि उसे बचपन में अपने मां-बाप की बात माननी चाहिए थी और पढ़ाई में मन लगाना चाहिए था। तभी जाकर वह शायद एक बड़ा अफसर बनता।
अभी उसे अपनी बहन की शादी भी करनी थी यह सभी खर्च थे जिसकी चिंता उन्हें दिन रात सताए जा रही थी। इसी प्रकार एक दिन उसकी मां कहती है कि उसे अपना बक्सा साफ कर लेना चाहिए। दिवाली से पहले अपने घर के साफ सफाई अवश्य की जानी चाहिए। जब उसकी मां ने उसे बहुत बार कहा तो वह बक्सा साफ करने लगा जब वह बक्सा साफ कर रहा था तो उसे वह कलम भी नजर आई।
इसी बीच राहुल के दादा बोल पड़े कि उसकी दादी की दवाई लानी है और राहुल को कहा कि वह उसकी दादी की दवा का नाम है पर्चे पर लिख ले। राहुल के हाथ में वही कलम थी तो उसने उसी से उसे दवा का नाम एक कागज पर लिख दिया और थोड़ी ही देर बाद राहुल ने देखा कि उसके पास में वह दवाई का पत्ता पड़ा हुआ है। राहुल ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि उसे लगा कि शायद उसके पिता ने वह लाकर वहां रख दिया होगा। लेकिन घर वालों को इस बात पर बड़ा आश्चर्य हुआ क्योंकि उसके पिता से पूछने पर यह पता चल गया था कि वह दवा नहीं ला पाए थे। जब घर वालों ने इस बारे में सोचा तो सबको यह एहसास हुआ कि वह कलम जादुई हो सकती है। इसकी जांच करने के लिए राहुल ने उसे कलम से एक कागज पर दीपक लिख दिया और देखते ही देखते राहुल के सामने बहुत से दिए आ गए। बस फिर क्या था सभी घर वाले समझ गए थे कि राहुल के हाथ तो उस कलम के रूप में खजाना लग गया है।
अब उन्हें अपनी सभी परेशानियों का हल मिल गया था वह समझ गए थे कि वह चमत्कारी कलम है जो उनकी सभी समस्याओं का अंत कर सकती हैं।
सबसे पहले राहुल ने उस कलम की मदद से कागज पर यह लिखा कि उसके दादा-दादी का स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक हो जाए और इसी प्रकार हुआ उसके दादा-दादी की सभी बीमारियों का अंत हो गया और वह स्वस्थ हो गए। इसके बाद राहुल ने लिखा कि उनके पास एक घर हो अब राहुल को अपना घर भी मिल चुका था।
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लेकिन उसे कलम की खासियत यह थी कि वह कभी भी कोई ऐसा कार्य नहीं करती थी जो कि किसी का बड़ा करने के लिए लिखा जाए।
यदि आप यह जानना चाहते हैं कि कैसे उसे चमत्कारी कलम से राहुल ने अपने परिवार के अलावा समाज का भी भला किया तो आपको इस कहानी का अगला भाग अवश्य पढ़ना चाहिए। साथ ही हम आपको यह सलाह देंगे कि आपको इस कहानी का पिछला भाग अवश्य पढ़ाना चाहिए जिससे कि आपको यह पता चले कि आखिर राहुल को वह चमत्कारी कलम किस तरह से मिली थी।
5 comments
हमें आपकी कहानी काम बड़ा मजा आया जिस तरीके से अपने पार्ट वन में बता रखा है कल जादुई कलम की कहानी तुम बहुत ही मजा आ रहा है आपकी कहानी सुनाने में प्लीज और बनाया मजा बहुत ज्यादा मजा आ रहा है क्योंकि हमारे बच्चे बड़े-बड़े इस कहानी को परिवार के साथ हमें दूसरे को सुनते हैं और हमारे बच्चे भी इसका बहुत फायदा उठाता है
जी तरीके से अपने राहुल की कहानी अपने पाठ में बताइए उसे तरीके से मैं पार्ट वन में भी बड़ा मजा आया है क्योंकि पार्ट 2 भी देखकर बड़ा मजा मूवी की तरह एक नंबर जिसे कहते हैं मूवी की तरह अपने पथ बना रखा है कि यह समझ लो जैसे हम कोई मूवी देख रहे हो और इससे हमें यह लगता है कि यहां भाई हमें कुछ ना कुछ सीख मिल रही है कि कैसे-कैसे हमें कहानी लिखनी चाहिए किस तरीके से इस तरीके से ही मूवी बनती है क्योंकि स्क्रिप्ट इस तरह कैसे लिखी जाती है
जिस तरीके सामने पार्ट 2 में बताएं तरीके से हम पार्ट 3 भी बताइए क्योंकि हमने सुना है आपका पार्ट 3 में आ गया तो हमें अभी टाइम नहीं मिला तो उसे तरीके से पार्टी जिस तरीके गाने अपने मस्त बनाई है तो हमें लगता है पार्ट 3 के गाने में बड़े मजा आने वाला है बहुत-बहुत धन्यवाद हमारे बच्चों को हमें अच्छा टाइम निकालने के लिए क्योंकि हमें बहुत मजा आ रहा है जैसी कहानियों को बड़ा मजा आ रहा है तो कृपया करके रोज कहानी बड़े-बड़े मजेदार वाले गाने डालें ताकि हमारे बच्चे का जो माइंड फ्रेश है अच्छा हो जाए
अपने पार्ट 3 में बता रखा है क्योंकि मैं पार्ट 3 में भी मैं अभी कमेंट नहीं करी है क्योंकि पार्ट 3 की कमेंट सभी मेरी बाकी है मैंने सोचा कि आप पार्टी खुल गया है तो मैं पार्ट 3 की कहानी इसी में बना पार्ट 3 में आपने जो सच्चाई घटना बताइए वह बड़ामजा आया उसे तो उसे तरीके से हमें अच्छा बताना है और हमें लोग से भी यही कहेंगे कि भैया अच्छे से अच्छा कॉमेंट्स करें क्योंकि मेहनत बहुत हो रही है ऐसी ऐसी कहानियों को लिखने के लिए
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें मेहनत का जो भी बीमारी किस्मत में होता है तो मैं जो भी हमारी किस्मत से लिखा कुछ सहायता करती है तो मैं उसका अच्छा इस्तेमाल करना चाहिए जैसे इस गाने में राहुल ने गरीबों की मदद करी चोर को पुलिस के हवाले करवाया तो इस तरीके से हमें काफी मदद करनी चाहिए अगर कोई भी मरीज अगर भगवान हमें दे रहा है तो मैं उसका इस्तेमाल कोई गरीबों के लिए करना चाहिए कोई मतलब भगवान में पैसे धन दौलत दे रहा है तो हमें इस तरीके से नहीं उठाना चाहिए क्योंकि मेहनत बहुत होती है इस गाने में मत बताएं धन्यवाद