भारत में बहुत से त्योहार बनाए जाते हैं भारत में विभिन्न धर्मो के विभिन्न त्यौहारों को मानते हैं। इसी क्रम में ईद मुसलमान का मुख्य त्यौहार है। लोग ईद का इंतजार बहुत ही बेसब्री से करते हैं।
कैलेंडर में ईद की जो तारीख निश्चित होती है जरूरी नहीं की उसी तारीख को ईद मनाया जाए क्योंकि ईद की तारीख चांद को देखकर निश्चित की जाती है। इसीलिए आज हम आपको बताएंगे कि आपको ईद का चांद देखते वक्त क्या दुआ पढ़नी चाहिए। हम आपको इस दुआ के महत्व के बारे में भी बताएंगे।
ईद का चांद देखने की दुआ क्या है?
ईद का चांद देखते समय व्यक्ति को नीचे लिखी गई दुआ पढ़नी चाहिए।
बिस्मिलाहिर रहमानिर रहीम अल्ल्हुमा-अहिल लहू अलैना, बिल अमनी वल इमानी वास सलामती वल इस्लामी वाट तौफिकी लिमा तुहिब्बू व तरजा रब्बी व रब्बुक्ल लाह
इस दुआ का हिंदी अर्थ यह है कि हे अल्लाह इस चांद को मनुष्य पर सलामती, ईमान और बरकत बरसाने वाला कर दे साथ ही हमें इसे अमल करने की तौफीक भी अदा कर। जो तुझे मरगूब और पसंद होनी चाहिए। ए चांद हम दोनों का तेरा और मेरा रब अल्लाह ही है।
ईद का चांद देखने की दुआ के बाद क्या पढ़ना चाहिए?
ईद का चांद देखने की दुआ के बाद कौसर को पढ़ा जाना चाहिए। कौसर को 11 बार पढ़ा जाता है। नीचे हम आपको कौसर और इसका मतलब बताएंगे।
- बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम :-इसका हिंदी में अर्थ है कि जो मेहरबान निहायत अल्लाह के नाम से शुरू होता है वह हमेशा रहमत बरसाने वाला है।
- इन्ना आयत ना कल कौसर :- इसका हिंदी में अर्थ होता है कि इसमें कोई शक नहीं है हमने आपको कैरो फजीलत में बे इन्तहा कशरत बख्शी है |
- फसल्ली लिरब्बिका वन हर :- इसका हिंदी अर्थ यह है कि इंसान बस अपने रब के लिए दुआएं पढ़ें और कुर्बानियां दे।
- इन्ना शानियाका हुवल अब्तर :- हिंदी में इसका अर्थ यह होता है कि आपके दुश्मन की कोई नस्ल नहीं होगी आपके दुश्मन की कोई निशा नहीं होगी आपके दुश्मन का कोई नाम नहीं होगा।
ईद के चांद की दुआ पढ़ने का महत्व
दुआ कभी भी पढ़ी जाए इसका बहुत ज्यादा महत्व माना जाता है लेकिन आज हम आपको विशेष रूप से ईद के चांद की दुआ पढ़ने का महत्व बताने जा रहे हैं।
- लोग इसे बहुत समय से एक परंपरा के रूप में मानते चले आ रहे हैं। जब लोग ईद का चांद देख दुआ पढ़ते हैं तो इसका मतलब यह होता है कि वह आने वाले निकट भविष्य के लिए रब से खुशियां मांग रहे हैं, शुभकामनाएं मांग रहे हैं और वह चाहते हैं कि आने वाले निकट भविष्य में अल्लाह उन पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें। ईद के चांद की दुआ को एक अच्छा और शुभ भविष्य का संकेत माना जाता है। लोगों का मानना है कि यदि ईद की चांद की रात को यह दुआ पढ़ ली जाए तो इससे उनका आने वाला भविष्य शुभ होता है।
- जब लोग ईद के चांद की दुआ पढ़ रहे होते हैं तो उनके मन में यह रहता है कि आने वाले भविष्य में उनका परिवार साथ ही पूरा समाज सुख शांति से रहे। समाज में शांति बनी रहे किसी भी प्रकार के दंगे फसाद ना हो। कोई भी परिवार पीड़ित ना रहे उसे सब रोगों से मुक्ति मिल जाए प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में खुशियां भरी रहे।
- ईद की रात उगने वाले चांद के सामने दुआ पढ़ने का सबसे ज्यादा महत्व उन लोगों के लिए माना जाता है जो अपने परिवार के लोगों से दूर रहकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं और वह उन्हें याद करते हैं। फिर वह चाहे पढ़ाई के लिए रह रहे हो या फिर किसी और काम से ऐसे लोगों के लिए ईद की चांद की दुआ पढ़ने का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है।
ईद के चांद की दुआ कौन पढ़ सकता है?
ईद के चांद की दुआ को तो कोई भी पढ़ सकता है गरीब व्यक्ति या फिर अमीर व्यक्ति। स्त्री या फिर पुरुष आप चाहे तो बच्चों से भी यह दुआ पढ़वा सकते हैं।
लेकिन आपको दुआ पढ़ते वक्त इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि जब आप दुआ पढ़ रहे हो तो आपके मन में किसी के लिए भी बुरी भावना ना हो।
क्योंकि इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि जब हम किसी के लिए कोई बुरी दुआ पढ़ रहे होते हैं अल्लाह उसे कभी भी कबूल नहीं करता है। जब भी आप दुआ पढ़े तो अपने मन में दूसरों की अच्छाई की भावना रखकर ही पढ़े।
निष्कर्ष
हमने आपको बताया है कि ईद का चांद देखते वक्त आप कौन सी दुआ करें। हमने आपको इसे पढ़ने का महत्व समझाने का प्रयास भी किया है। इस लेख को लिखने के लिए हमने बहुत से स्रोतों से जानकारी एकत्रित की है।
अतः हम किसी भी प्रकार की धार्मिक जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं। यदि इस लेख में कोई त्रुटि है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।
6 comments
ईद में क़ुरबानी देना जरूरी होता है क्या ??
हम जानना चाहते हैं कि क्या ईद के चांद को देखकर मांगी हुई दुआ कबूल होती है ??
ईद के दिन चांद को देखने से पहले नमाज पढ़ी जाती है या फिर ईद के चांद को देखने के बाद नमाज पढ़ी जाती है ??
नामाज पढ़ने का सही समय क्या होता है, कैसे पता लगाया जाता है ??
ईद के चांद को देखने से पहले क्या कोई रसम होती हैं जिसे करना अनिवार्य होता है या नहीं ??
हम जानना चाहते हैं कि क्या वाकई में ईद के चांद को देखकर मांगी गई दुआ बहुत जल्द कबूल हो जाती है ??