क्या आपको भी कहानी पढ़ने का शौक है? कहानियां भी ऐसी जो जीवंत लगे जो लोगों की असली जिंदगी को दर्शाएं या फिर ऐसी कहानी जिसे आप अपने साथ आसानी से रिलेट कर सके। यदि हां तो इस लेख में हम आपको ऐसे ही एक लाजवाब कहानी बताने जा रहे हैं। जिसे पढ़ कर यकीनन आप कहीं ना कहीं खुद को उससे जोड़कर देख पाएंगे। यह कहानी है मुंबई के एक छोटे से शहर में रहने वाली सीमा की। तो आइए शुरू करते हैं यह कहानी।
मुंबई के एक छोटे से शहर में सीमा अपने गरीब मां-बाप के साथ झुग्गी झोपड़ी में रहा करती थी। सीमा का परिवार इतना ज्यादा गरीब था कि उनके लिए दो वक्त की रोटी जुटा पाना भी संभव नहीं हो पाता था। इसके लिए सीमा के पिता दिन रात ईंटों के भट्टे पर काम किया करते थे तो माता घर-घर जाकर लोगों के चौका बर्तन किया करती थी। लेकिन उन दोनों के लिए ही यह काम आसान नहीं था पर फिर भी वह अपनी लाडली बेटी सीमा के लिए यह सब कर रहे थे। दरअसल सीमा के पिता को अस्थमा की समस्या थी इस कारण से उन्हें भट्टी से निकलने वाले धुएं से बहुत ज्यादा दिक्कत होती थी।

सीमा के माता-पिता चाहते थे कि उनकी बेटी को वैसी जिंदगी कभी भी ना मिले जैसी वह जी रहे हैं। वह उसे सब कुछ अच्छा देना चाहते थे वहीं दूसरी ओर सीमा का खुद का भी यह ख्वाब था कि वह बड़े शहर जाकर आईएएस ऑफिसर ऑफिसर की पढ़ाई करें।
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वहीं दूसरी ओर उसकी सहेलियों ने उसे यह ख्वाब भी दिखा दिया था कि क्यों ना वह एक बड़े आईएएस अधिकारी लड़के से मिले और उससे उसकी दोस्ती हो जाए। जो की भविष्य में उसका जीवनसाथी बने अब सीमा के दो ख्वाब हो चुके थे जिन्हें वह हर हाल में पूरा करना चाहती थी। एक तो बड़े शहर जैसे कि मुखर्जी नगर जाकर आईएएस अधिकारी की तैयारी करना और दूसरा किसी अच्छे आईएएस लड़के से मिलना।
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हालांकि सीमा अभी नौवीं क्लास में ही थी फिर भी उसके मन में यह सब ख्वाब पल रहे थे। इन सभी ख्वाबों को अपनी आंखों में सजाएं और अपने माता-पिता के बारे में सोचती हुई सीमा रोज अच्छे मन से स्कूल जाया करती और वहां पर खूब मेहनत कर पढ़ाई करती थी। सीमा की मेहनत का ही नतीजा था कि वह कक्षा में हमेशा अव्वल आया करती थी। वहां से आने के बाद वह घर के कार्य में अपनी माता की मदद भी करती थी। सीमा की सब तारीफ किया करते थे सब चाहते थे कि उन्हें सीमा जैसी ही बेटी मिले जो उनका हर हाल में साथ दे सके।
सीमा की मेहनत और दिमाग देखकर उसके माता-पिता चाहते थे कि वह भी सीमा के मुखर्जी नगर जाने के सपने को पूरा कर पाए। इन्हीं सब जद्दोजहद से लड़ते-लड़ते सीमा अब 12वीं कक्षा में आ पहुंची थी। सभी को यह चिंता थी कि हमेशा अव्वल आने वाली सीमा 12वीं कक्षा में कैसे अंक लाएगी और फिर वह 12वीं कक्षा पास करने के बाद क्या करेगी? यही चिंता उसके मां-बाप को भी दिन रात सताए जा रही थी वही सीमा को हमेशा से ही यह विश्वास था कि वह कुछ भी कर मुखर्जी नगर जाकर आईएएस अधिकारी की तैयारी अवश्य करेगी।

सीमा की 12वीं की परीक्षा शुरू हो चुकी थी सीमा ने खूब मन से पढ़ाई की और उसका मानना था कि वह 12वीं कक्षा में अवश्य अच्छे अंक लाएगी। अब सभी को रिजल्ट का इंतजार था। डेढ़ महीने बाद जब रिजल्ट आया तो सीमा ने बहुत अच्छे अंकों से अपनी 12वीं कक्षा पास की। सभी को उस पर गर्व हो रहा था उसके माता-पिता ने पूरे इलाके को अपनी हैसियत के हिसाब से मिठाई भी बांट दी थी। लेकिन अब सवाल यह था कि अगला कदम क्या?
सीमा को अच्छे अंक लाने के लिए सरकार की तरफ से कुछ पैसा मिल गया था जो उसकी दो से तीन माह तक मुखर्जी नगर में जीवन यापन करने में मदद कर सकता था। बस फिर क्या था सीमा इसी पैसे को लिए मुखर्जी नगर के लिए निकल पड़ी। उसने वहां पर एक कॉलेज में एडमिशन ले लिया जहां से वह अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर सके।
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उस पैसे से सीमा ने अपने 1 साल की फीस भी जमा कर दी अब उसके पास इतना पैसा था कि वह एक महीना अपना जीवन यापन कर सकती थी। वहां पर सीमा ने फोटो स्टेट की दुकान पर छोटा सा काम पकड़ लिया। जहां पर उसे ₹8000 महीना की पगार मिलने लगी। ₹8000 सीमा को अपना जीवन जीने के लिए काफी थे अब सीमा मुखर्जी नगर में काम भी कर रही थी और अपने आईएएस अधिकारी बनने के सपने के लिए मेहनत भी कर रही थी। लेकिन इस बीच सीमा यह कभी नहीं भूली थी कि उसका एक दूसरा ख्वाब भी है।

कुछ महीनों बाद जब दिवाली आई तो उसके माता-पिता ने उसे दिवाली के लिए घर बुलाया। जब सीमा ट्रेन में बैठी तो उसे वहां पर एक लड़का मिला। इत्तेफाक से वह भी सीमा के शहर ही जा रहा था। फर्क सिर्फ इतना था कि वह शहर में रहा करता था और सीमा उसी शहर की एक छोटी सी झुग्गी झोपड़ी में। उन दोनों के बीच कुछ बातें हुई और सीमा ने अपनी जिंदगी का एक बहुत बड़ा फैसला ले लिया। आखिर यह फैसला क्या था?
अब सवाल यह उठता है कि कैसे सीमा एक अनजान व्यक्ति के साथ अपना जीवन व्यतीत करने का फैसला कर लेती है। आखिर इसके पीछे का कारण क्या है और सीमा ऐसा क्यों कर रही है? क्या सीमा के सामने कोई मजबूरी है या फिर सीमा ऐसा अपनी खुशी से कर रही है। इन सभी प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए आपको इस कहानी का अगला भाग अवश्य करना चाहिए।
1 comment
एक रात की कहानी पार्ट 1 जब से मैं आपकी इस रोचक कहानी को पढ़ाया बहुत ही अच्छी कहानियां आपने यह लिखी है मैं आपका दूसरा पार्टी भी पढ़ा आप काफी अच्छी कहानियां लिखते हैं तो कृपया करके रोचक कहानियां ऐसे ही अपलोड करते रहिए जिससे हम अपने बच्चों को पढ़ाई उन्हें नॉलेज दे सके ऐसी ही अपलोड करते रहिए रोचक कहानियां हमारे बच्चे मोबाइल को ना चलाएं ओन्ली आपकी ब्लॉग्स को पड़े मैंने आपकी वेबसाइट फॉलो की हुई है फेसबुक पर भी की हुई है