हमारे आसपास बहुत से ऐसी एनजीओ है जो की गायों को बचाने की मुहिम पर लगे हुए हैं या फिर जो की जानवरों की बचाने की मुहिम पर लगे हुए हैं। ऐसे में गाय को राष्ट्र पशु बनाने की मांग भी कई बार उठ चुकी है। खैर इन सब बातों को ना करते हुए हमें छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना के ऊपर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। आइए जानते हैं कि आखिर छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना क्या है और यह किस प्रकार से कार्य करती है।
गोधन न्याय योजना क्या है?
गोधन न्याय योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 20 जुलाई 2020 में हरेली त्यौहार पर की गई थी। इस योजना को किसान और पशुपालकों को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया था। अब तक कई करोड़ लाभार्थियों को कई लाख का लाभ इसी योजना के द्वारा हो चुका है। सरकार इस योजना के तहत उनसे ₹2 किलो गोबर खरीद लेती है।
गोधन न्याय योजना के उद्देश्य
निश्चित रूप से इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार के कई ऐसे उद्देश्य हैं या फिर कई ऐसे मकसद है जिन्हें वह इस योजना के माध्यम से पूरा करना चाह रही है।
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* इस योजना के तहत सरकार द्वारा किसान और पशुपालकों की आय में वृद्धि करनी हेतू उनसे गोबर खरीद लिया जाता है जिससे कि उनकी इनकम बढ़ सके और गरीबी दर कम हो सके।
* इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि जब भी गाय या भैंस दूध देना बंद कर दे तो उन्हें इधर-उधर भटकते हुए ना छोड़ा जाए बल्कि उन्हें बांध कर रखा जाए क्योंकि सरकार उनका गोबर खरीद रही है जिससे कि आय हो सकती है।
* यदि लोग अपने पशुओं को भटकता हुआ नहीं छोड़ेंगे तो निश्चित रूप से सड़क पर घूमते हुए पशु कम हो जाएंगे और इससे उनकी मृत्यु दर में भी कमी आएगी।
* इस योजना के पीछे छत्तीसगढ़ सरकार चाहती है कि उनके राज्य में रह रहे लोगों की आय हो सके जिससे कि उन्हें एक सुदृढ़ विकास की ओर अग्रसर किया जा सके।
गोधन न्याय योजना के लाभ
इस योजना से व्यक्ति को बहुत ज्यादा लाभ है इसके अलावा इस योजना का लाभ राज्य सरकार को भी देखने को मिलेगा।
* इस योजना के लागू हो जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को काम मिलेगा जिससे कि उनकी इनकम होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में आ रही गरीबी दर भी कम हो सकेगी।
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* सड़क पर बहुत से पशु को लोग आवारा भटकने के लिए छोड़ देते हैं क्योंकि वह अब दूध नहीं देते हैं। इस योजना के आ जाने से लोग उन्हें सड़क पर आवारा घूमने के लिए नहीं छोड़ेंगे। जिससे कि उन्हें पैसा तो मिलेगा ही साथ ही वह इन पशुओं को अपनी कृषि के विभिन्न कार्यों में भी ले सकते हैं।
* सरकार किसान या फिर पशुपालकों से जो गोबर खरीदे कि उसे खाद बना दिया जाएगा जिससे कि कृषि में भी फायदा मिलेगा और खाद बनाने के लिए जो लोग कार्य करेंगे उन्हें रोजगार भी मिलेगा।
गोधन न्याय योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी दस्तावेज
अन्य योजनाओं के तरह ही इस योजना का लाभ लेने के लिए भी आवेदनकर्ता को कुछ दस्तावेज पेश करने होंगे। नीचे इस योजना के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों की सूची हम आपको प्रदान करने जा रहे हैं।
* जो भी व्यक्ति इस योजना में आवेदन करना चाहता है उसके पास अपना आधार कार्ड और छत्तीसगढ़ का मूल निवास प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
* आवेदन करने वाले किसान या पशुपालक को अपनी वोटर आईडी कार्ड भी दिखाना होगा।
* जो किसान या पशुपालक इस योजना में आवेदन करना चाह रहा है उसे अपने आय का प्रमाण पत्र भी दिखाना होगा।
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* आवेदन करने वाले किसान या फिर पशुपालक के पास बैंक अकाउंट नंबर होना भी जरूरी है।
* जो भी व्यक्ति इस योजना में आवेदन करना चाह रहा है उसके पास एक स्थाई फोन नंबर होना बहुत ज्यादा जरूरी है।
* क्योंकि इस योजना के तहत वर्मी कंपोस्ट को बढ़ावा दिया जा रहा है इससे छत्तीसगढ़ राज्य जैविक कृषि की ओर अग्रसर होगा।
* हम यह नहीं कह सकते हैं कि खाद की आवश्यकता सिर्फ किसानों को ही होती है बल्कि खाद की आवश्यकता वन विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग जैसे और बहुत से लोगों को भी होती है।
इस योजना के आ जाने से इन लोगों को भी खाद की आपूर्ति आसानी से हो जाएगी और छत्तीसगढ़ राज्य में कृषि दर के साथ ही हरियाली दर में भी बढ़ावा होगा।
छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना निश्चित रूप से एक बहुत बेहतरीन कदम है। जो की बहुत से उद्देश्यों के साथ शुरू की गई है और यह अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सक्षम भी है।
ऐसे ही बहुत सी योजनाएं बहुत से राज्य की सरकार द्वारा चलाई जा रही है। हमें इन सभी के बारे में जानना चाहिए और इनका ज्यादा से ज्यादा लाभ लेना चाहिए।