जब भी आप किसी भी शादी को संपन्न करने का कार्य करते हैं या फिर किसी रिश्ते की बात करते हैं तो सबसे पहले यही पूछा जाता है कि आपका गोत्र क्या है।
वास्तव में साथ गोत्र होते है। आज के इस लेख में हम आपको यह बताएंगे कि कश्यप गोत्र क्या है साथ ही इससे जुड़े जानकारी देने का प्रयास भी करेंगे।
कश्यप गोत्र क्या है?
यदि बात कश्यप गोत्र की उत्पत्ति की हो तो इस गोत्र को सबसे प्राचीन और सबसे विस्तार से बताए गए गोत्रों में से एक के रूप में स्वीकार किया जाता है।
हिंदू धर्म में जितने भी गोत्र हैं उन सभी के नाम बहुत महान ऋषि या फिर संतों के नाम पर ही रखे जाते हैं और जिस महान ऋषि या फिर संत के नाम से आपका गोत्र जाना जाता है आप उसी के वंशज भी माने जाते हैं। कश्यप गोत्र सबसे विस्तारित और ख्याति प्राप्त गोत्रों में से एक है।
कश्यप गोत्र की कुलदेवी कौन है?
हमेशा लोग अपनी कुलदेवी और कुल देवता की पूजा करते हैं। इसीलिए हम आपको बता रहे हैं कि जो व्यक्ति कश्यप गोत्र से संबंध रखता है उसे किस देवी की पूजा करनी चाहिए। दरअसल प्रत्येक गोत्र की एक अलग कुलदेवी होती है और जिनकी पूजा हर पीढ़ी का हर सदस्य करता है।
इसीलिए किसी व्यक्ति को अपनी कुलदेवी से जुड़ी संपूर्ण जानकारी होना बहुत ज्यादा आवश्यक है। आइए हम आपको बताते हैं कि कश्यप गोत्र की कुलदेवी कौन मानी जाती है।
कश्यप गोत्र की कुलदेवी के बारे में किसी भी व्यक्ति को कोई भी स्पष्ट जानकारी नहीं है। कुछ लोगों का कहना है कि कश्यप गोत्र की कुलदेवी अदिति है या फिर दक्ष कन्या में से कोई एक है या फिर सती अनसूया है।
लेकिन सभी लोग इस बात को नहीं मानते हैं उनका कहना है कि मां काली ही कश्यप गोत्र की कुलदेवी है। इस बात को लेकर यह तर्क दिए जाते हैं कि कश्यप ऋषि की पत्नी दीती द्वारा दैत्यों को जन्म दिया गया था और इनका वध करने के लिए मां काली ने अवतार लिया था।
इसीलिए हो सकता है कि कश्यप गोत्र की कुलदेवी मां काली हो। वहीं कुछ लोग यह कहते हैं कि मां वरुणाची और मां योगेश्वरी कश्यप गोत्र की कुलदेवी है क्योंकि यह दोनों ही दुर्गा और पार्वती का रूप है।
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कश्यप गोत्र की शाखा कौन सी है?
इस बोतल की शाखा को समझना एक बहुत ज्यादा मुश्किल कार्य हो सकता है और इसका कारण यह है कि कश्यप ऋषियों की संख्या स्पष्ट नहीं बताई गई है हालांकि उनकी बहू से पुत्रों के नाम तो पता है लेकिन बहुत ज्यादा पुत्रों के नाम अज्ञात नहीं है इसीलिए यह ही नहीं पता चल पाता कि उनके कितने पुत्र हैं।
लेकिन बहुत से उपनाम अपने आप को कश्यप गोत्र से जोड़कर चलती है जैसे कि दुबे और पांडे। ऐसा माना जा सकता है कि यह सभी उपनाम कश्यप ऋषि के किसी न किसी पुत्र या फिर उनके वंशज पर ही आधारित हो लेकिन उनके बारे में भी कोई भी लिखित जानकारी नहीं मिलती है इसीलिए कश्यप गोत्र की शाखाओं के बारे में जानकारी दे पाना भी मुश्किल है।
कश्यप गोत्र के प्रवर के बारे में जानकारी
प्रवर को हमेशा गोत्र के साथ ही बहुत ही महत्वपूर्ण अवधारणा के रूप में जोड़कर देखा जाता है। और जब भी कोई यज्ञ होता है या फिर कोई वैदिक अनुष्ठान होता है। यदि बात कुछ प्रमुख प्रवरों की हो तो कश्यप, नैध्रुव और वत्सार को सबसे उच्च स्थान प्राप्त है हालांकि सबसे पहले कश्यप ऋषि के गोत्र को ही माना जाता है।
यह भी हो सकता है कि कश्यप गोत्र के प्रवर के अलावा जो भी दोनों अन्य प्रवर है वह दोनों कश्यप ऋषि के पुत्र हो। हालांकि कुछ विद्वान यह कहते हैं कि यह दोनों अपने अलग ऋषि थे यह भी हो सकता है कि यह कश्यप ऋषि के शिष्य हो।
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कश्यप गोत्र की वंशज प्रणाली
अब यह एक बहुत ही जटिल प्रश्न है जी हां कश्यप गोत्र की वंशावली को समझना कोई आसान कार्य नहीं है क्योंकि कश्यप ऋषि की 13 से 17 पत्नी थी। और इन सभी पत्नियों से उन्हें विभिन्न संतान पैदा हुई।
इनमें मनुष्य, नाग, देवता और दानव सभी शामिल थे। अब यह नहीं बताया जा सकता कि कौन किसके बाद पैदा हुआ। लेकिन जैसा कि हम जानते हैं कि किसी भी गोत्र की वंशावली को उसके पुरुष निर्धारित करते हैं।
इसीलिए कश्यप गोत्र मुख्य रूप से उनके पुत्रों के वंशज में ही समाहित है और इनमें से बलराम जो की कृष्ण के बड़े भाई है, वासुकी की जो कि नागराज है और विवस्वान को उनके प्रमुख पुत्र माना जाता है।
निष्कर्ष
कश्यप गोत्र क्या है तथा इससे जुड़ी अन्य जानकारी हमने आपको विभिन्न स्रोतों से जानकारी एकत्रित करने के बाद ही दी है। हम इस लेख की किसी भी प्रकार से पुष्टि नहीं करते हैं।
यदि आप कश्यप गोत्र के बारे में बहुत ज्यादा विस्तार से जानना चाहते हैं तो आपको पुराने ग्रंथों और महान लेखकों द्वारा लिखी गई पुस्तकों को पढ़ने की जरूरत है।
1 comment
हम जानना चाहते हैं कि कश्यप गोत्र के व्यक्ति ज्यादातर किस राज्य में अथवा किसी इलाके में रहते हैं ??