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पीरियड्स में कभी ज्यादा और कभी कम ब्लीडिंग क्यों होती है जाने – एक्सपर्ट्स से

by Dev
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Periods me kam or jyada Blooding hone ke karan

महिलाएं अक्सर पीरियड्स को लेकर कई प्रकार की समस्याओं का सामना करती हैं और वह कई प्रकार की समस्याओं के बारे में डॉक्टर से वार्तालाप भी करती हैं। ऐसी ही एक समस्या है कि पीरियड्स में कभी ज्यादा और कभी कम ब्लीडिंग होती है। आज के इस लेख में हम आपको यही बताने जा रहे हैं पीरियड्स में कभी ज्यादा और कभी कम ब्लीडिंग क्यों होती है। 

पीरियड्स में कम और ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण 

आपने इस बात पर अक्सर गौर किया होगा कि आपको पीरियड्स में कभी तो बहुत ज्यादा हेवी फ्लो होता है और कभी बहुत ज्यादा कम फ्लो होता है यानी कि कभी आपको बहुत ज्यादा ब्लीडिंग देखनी पड़ती है तो कभी कम। क्या आपने कभी इसका कारण जानने का प्रयास किया है? यदि नहीं, तो हम नीचे आपको इसके कारण के बारे में बताने जा रहे हैं। 

Periods me kam or jyada blooding hone ke karan
  •  हारमोंस के कारण: यदि आपको पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग का सामना करना पड़ रहा है तो इसका एक कारण हो सकता है कि आपके हारमोंस संतुलन में ना हो। खासतौर से एस्ट्रोजन और प्रोस्टोजन के संतुलन में हो जाने पर महिलाओं को पीरियड के दौरान बहुत ज्यादा हैवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है। हारमोंस महिलाओं पर कई तरह से अपने प्रभाव डालते हैं उन्हें में से एक पीरियड्स की ब्लीडिंग भी है।   
  •  गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करने से: यदि आप गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करते हैं तो यह भी आपको हैवी ब्लीडिंग के लिए जिम्मेदार साबित हो सकती है  जिस कारण से उन्हें पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा हैवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है  इसीलिए यदि आप चाहते हैं कि आपके पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग ना हो तो आपको गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

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पीरियड्स में ब्लीडिंग असमान क्यों होती है?

प्रत्येक महिला पीरियड्स को लेकर विभिन्न प्रकार की समस्याओं के सामने के बारे में बताया करती है। ऐसे में कई महिलाएं यह शिकायत करती है कि पीरियड्स में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग का सामना करना पड़ रहा है। नीचे हम आपको इसी के कारण के बारे में बताने जा रहे हैं।

Periods me Blooding asman kyu hoti hai
  • गर्भाशय से संबंधित समस्याएं: यदि किसी महिला को गर्भाशय से संबंधित समस्याएं होती है तो इसकी बहुत ज्यादा संभावना हो जाती है कि उसे पीरियड में अत्यधिक ब्लीडिंग का सामना करना पड़े। जैसे कि कैंसर, पॉलिप्स, फाइब्रॉयड जैसी समस्याएं महिला के गर्भाशय से संबंधित होती है और इस दौरान उन्हें पीरियड्स में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है। 
  • वजन के कारण: बहुत से मामलों में आपका वजन भी आपके पीरियड्स की ब्लीडिंग को प्रभावित करता है। यदि आपका वजन बहुत ज्यादा कम है या फिर आपका वजन बहुत ज्यादा है तो इसकी संभावना बहुत ज्यादा बनी रहती है कि आपको पीरियड्स में अत्यधिक ब्लीडिंग का सामना करना पड़ेगा। अक्सर मोटी महिलाओं को पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होती है।
  •  अव्यवस्थित जीवनशैली: यदि आपकी जीवन शैली अव्यवस्थित है और आप एक अच्छी जीवन शैली नहीं जी रही है। तो यह भी आपकी पीरियड्स की ब्लीडिंग को प्रभावित कर सकती है जैसे कि यदि आप अच्छी जीवन शैली नहीं जी रही है और आप अच्छा भोजन नहीं ले रहे हैं। एक स्वस्थ आहार का सेवन नहीं कर रही है। आपकी डाइट हमेशा बिगड़ी रहती है आप कभी समय पर खाना नहीं खाती तो यह आपके पीरियड्स को काफी हद तक प्रभावित करती है। इसका कारण है कि आपको या तो पीरियड में बहुत ज्यादा या फिर बहुत कम ब्लीडिंग का सामना करना पड़ेगा। 

मासिक धर्म के दौरान ब्लीडिंग कम होने के कारण

अब तक ऊपर हम आपको यह बता चुके हैं कि पीरियड के दौरान महिलाओं को ब्लीडिंग ज्यादा क्यों होती है नीचे हम आपको यह बता रहे हैं कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को ब्लीडिंग कम क्यों होती है। नीचे हम इसके कारण के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

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  • चिंता और तनाव: यह भी काफी हद तक संभव है कि आपको तनाव और चिंता के कारण पीरियड्स में ब्लीडिंग का सामना करना पड़े  हालांकि इस वजह से आपको पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग का सामना भी करना पड़ सकता है। लेकिन वहीं दूसरी ओर इस कारण से आपके पीरियड्स में कम ब्लीडिंग का सामना भी करना पड़ सकता है। यदि आप बहुत ज्यादा चिंता और तनाव में है तो हो सकता है कि उस माह आपको पीरियड्स में ब्लीडिंग या तो बहुत ज्यादा कम हो या फिर बहुत ज्यादा हो। 
  • हारमोंस की वजह से: ऊपर हमने आपको यह बताया कि हारमोंस की वजह से आपको पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होती है। यहां पर हम आपको यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि कई बार हारमोंस के कारण आपको पीरियड में कम ब्लीडिंग भी होती है।इसीलिए महिलाओं में हारमोंस का संतुलन बना रहना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। यदि आपको पीरियड्स में बहुत कम ब्लीडिंग हो रही है तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। हो सकता है कि आपका हारमोंस में कुछ बदलाव हो रहा हो और आपके हार्मोन अनियंत्रित हो गए हैं। 
  •  गर्भ रोकने के लिए खाए जाने वाली दवाओं की वजह से: यदि आप गर्भ रोकने के लिए किसी प्रकार की गोलियों का इस्तेमाल करते हैं तो हो सकता है कि आपके पीरियड्स में कम ब्लीडिंग हो। यह बहुत माह तक प्रभावी नहीं रहती हैं। जिस माह आप घर पर रोकने वाली दवाओं का इस्तेमाल करते हैं उसी माह में आपके पीरियड्स में कम ब्लीडिंग होती है। इसीलिए यह सलाह दी जाती है कि गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल कम करना चाहिए। 

आज के इस लेख में हमने आपको विभिन्न तर्कों के माध्यम से इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास किया है कि पीरियड्स में कभी ज्यादा और कभी कम ब्लीडिंग क्यों होती है। आशा करते हैं कि आपको इस प्रश्न का उत्तर बहुत ज्यादा अच्छे से मिल गया होगा लेकिन यदि आपको यह समस्या बहुत ज्यादा परेशानी दे रही है तो हम आपको यह सलाह देना चाहेंगे कि आपको विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए और इस लेख को किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह नहीं मानना चाहिए।

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