दोस्तों आप अपने आसपास रोज बहुत से लोगों से मिलते होंगे। इनमें से बहुत से लोगों के बारे में आपने यह भी सुना होगा उन्हें समाज में बात करने का तरीका आता है और कुछ लोगों के बारे में यह भी सुना होगा कि भले ही वह कितना भी पढ़ा लिखा क्यों ना हो लेकिन उसे समाज में बात करने का तरीका नहीं आता।
दोस्तों आज के समय की कड़वी और सबसे बड़ी सच्चाई यही है कि व्यक्ति कितना भी पढ़ा लिखा क्यों ना हो लेकिन यदि उसे समाज में अपनी बात रखने का तरीका नहीं आता तो उसे अनपढ़ ही समझा जाता है।
आज के इस लेख में हम आपको समाज में बात करने के तरीके के बारे में कुछ टिप्स देने जा रहे हैं। तो आइए शुरू करते हैं आज का यह लेख।
ऐसे करें समाज में बात – (Talk Like This in Society)
दोस्तों बात चाहे कैसी भी हो यदि उसे सही तरीके से रखा जाए तो वह अपना प्रभाव अवश्य डालती है। कई जगह पर हम यदि सही बात नहीं भी कर रहे होते हैं तो भी लोग उसे सिर्फ इसलिए अच्छा मान लेते हैं क्योंकि हमारा बात करने का तरीका सही होता है।
- जब कभी भी आप किसी से बात करें या फिर किसी मंच पर भाषण दे तो कोशिश करें कि आप उस व्यक्ति विशेष से या फिर ऑडियंस से आई कॉन्टेक्ट बनाने की कोशिश करें। क्योंकि अपनी बात को प्रभावशाली बनाने का सबसे अच्छा तरीका आई कॉन्टेक्ट ही होता है।
- दोस्तों आपके चेहरे के भाव आपकी बात को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। इसीलिए जब भी आप किसी से बात कर रहे हो तो कोशिश करें कि आपके चेहरे पर एक ठहराव के साथ मुस्कुराहट हो। लेकिन मुस्कुराहट स्थिति को देखते हुए होना चाहिए। ऐसा नहीं है कि आप किसी की शोक सभा में बैठे हो और आप वहां पर मुस्कुरा कर बात करें।
- कोशिश करें कि आप अपनी बात को कम शब्दों में समाप्त करें जिससे कि सामने वाला व्यक्ति आपकी बातों से ऊबे नहीं। जो व्यक्ति अपनी बात को कम शब्दों में अच्छे से दूसरे व्यक्ति के समक्ष रख सकता है उसकी बात को सदैव ही मान दिया जाता है।
- बात करते वक्त यह ध्यान रखें कि आप अब बहुत अधिक भारी भरकम शब्दों का इस्तेमाल न करें जितना हो सके सरल से सरल शब्दों का चयन करें।
- अपनी बॉडी लैंग्वेज पर भी ध्यान दें। जब भी आप किसी से बात करें तो सीधे खड़े रहे या फिर सीधे बैठे। झुककर खड़े होने से या फिर झुक कर बैठने से आप दुर्बल महसूस करेंगे।
- कोशिश करें कि आप अपनी बातों को धीरे-धीरे बोले। क्योंकि यदि आप हड़बड़ी में बोलेंगे तो सामने वाले को कुछ बातें समझ आयेंगी और कुछ नहीं। बातों को बार-बार दोहराएं नहीं एक बात को एक ही बार कहे।
- यदि आप किसी स्टेज पर कोई भाषण देने जा रहे हैं या फिर किसी सेमिनार या फिर किसी जनसभा को संबोधित करने जा रहे हैं तो आपके लिए बेहतर होगा कि आप इसकी तैयारी पहले से ही कर ले। इसके लिए आप शीशे के सामने खड़े होकर एक दो बार प्रैक्टिस भी कर सकते हैं। इससे आपके अंदर कॉन्फिडेंस डेवलप होगा और आप अच्छे से भी बोल पाएंगे।
- जैसे कि किसी चीज को लिखते वक्त पूर्ण विराम और प्रश्न चिन्ह का बहुत महत्व होता है इसी प्रकार जब हम बात कर रहे होते हैं तो हमारा सांस लेने का वक्त और वाणी को विराम देने का समय बहुत अधिक महत्व रखता है। दरअसल यह बात हम समझ नहीं पाते लेकिन बोलने में भी व्याकरण का बहुत अधिक महत्व होता है।
- जैसे कि आप अपनी बात की शुरुआत बहुत प्रभावशाली तरीके से करते हैं। उसी प्रकार आपको अपनी बात का अंत भी प्रभावशाली तरीके से ही करना चाहिए। बात को बीच में ना छोड़ते हुए अपनी बात का निष्कर्ष अवश्य बताएं।
- यदि आप एक बड़ी जनसभा को संबोधित कर रहे हैं या फिर कहीं पर कोई भाषण दे रहे हैं तो कोशिश करें कि आपकी स्क्रिप्ट में उदाहरण और कुछ किस्से शामिल हो। जिससे की जनता का इंटरेस्ट बना रहे और उसे आपका भाषण उबाऊ ना लगे।
- एक अच्छा वक्ता वही इंसान साबित होता है जो दूसरे को सुनने की क्षमता भी रखता है। जब भी आप कोई भाषण दे रहे हो तो कोशिश करें कि आप बीच-बीच में कुछ प्रश्न पूछे जिससे कि आपको सुन रहे लोग उस भाषण में एंगेज महसूस करें और वह आपके प्रश्नों का उत्तर दें। आपके लिए जरूरी यह है कि आप उन प्रश्नों के उत्तर को सुनने की क्षमता भी रखें।
- जब भी आप कोई बात करें तो अपने शरीर पर फोकस करना बहुत जरूरी हो जाता है। क्योंकि बहुत बार स्टेज पर बोलते वक्त व्यक्ति का शरीर कांपने लगता है। इसका सीधा असर उसकी आवाज पर पड़ता है और उसकी आवाज लड़खड़ाती सी महसूस होती है।
निष्कर्ष – (Conclusion)
पर्सनालिटी डेवलपमेंट से संबंधित लिखा गया हमारा यह लेख आपके एक बेहतर भविष्य की आशा करता है। यदि आपको इसी प्रकार के विषय पर और लेख की अभिलाषा है तो कृपया हमें कमेंट सेक्शन में अवश्य बताएं।